बाबा साहेब : नमन
बाबा साहेब : नमन
अठारह सौ इक्यानवे की अप्रेल चौदह तारिख
देश ने किया सच्ची देश भक्ति का एक नया परख।
जन्म से कोई बड़ा नहीं है कर्म ही इसका आधार
अछूत भी कुछ बड़ा करे देश माता की पुकार।
जात पात का घिनौना खेल किया आप ने अतिक्रम
विद्यालय का गौरव बढ़ाया गुरु आम्बैदकर जी के नाम।
वकील बने अव्वल नंबर स्वाधीनता के सेनानी
भारत माता स्वाधीन हुई अब था सरकार चलाना।
योग्यता बल पर बने देश के पहले कानून मंत्री
देश के लिये बनाना था जो संविधान के संत्री।
संविघान सभा ने पारित किया आपका बनाया कानून
देश के लिये वेद बन गया विश्व का बड़ा संविधान।
जात पात का बंधन न छूटा पुरस्कार के बदले तिरस्कार
हिन्दू धर्म को त्यागा आपने बौद्ध धर्म था प्रतिकार।
छ दिसंवर १९५६ को कृर काल का प्रहार
महा तेजस्वी संक्रान्ति पुरुष मचाया देश में हाहाकार।
त्याग आप का दलितों को दिया उनके समान अघिकार
संविधान में प्रावधान शासन नीति में सांझेदार।
दलितों के आप हो भगवान नेता देश के न्यारे
भीम राव रामजी अंबेडकर भारत माँ के प्यारे ।
