तपन
तपन
जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।
जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।
जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।
जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।
जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।
जिसमें इन्सान कभी इधर तो कभी उधर है
इधर तो ज्वालामुखी सी उसके प्यार की तपन है।
