अमर शहीदी
अमर शहीदी
मेरे वतन के कण कण से अमर शहीदी की
सोन्धी सी खुश्बू आ रही है ,
गर्व की रज मेरे वतन के ललाट पर
लालिमा लिये रही उड़ रही है ,
दुश्मन की हाफ्ती और कांपती सांसे,
मेरे वतन के वीर जवानों की
वीरता की गवाही दे रही है ,
तिरंगे की शान दिनो दिन बढ़ रही है ,
भारत माता अपने वीर लालों को
गोद में सुलाकर गर्व का आँसू झलका रही है,
दुश्मन को खदेड़ती वतन के शेरो
ं को देखकर
आकाश में गर्भ गुन्जन बिजली कडक रही है,
जंग ए मैदान में दुश्मन को घुटनों के बल देखकर
हर भारतवासी के ह्रदय में विजय हून्कार भर रही है,
रणक्षेत्र में रक्त से तिलक करते बलिदान के शीशों पर
विजय छत्र पहिना रही है ,
धरती माता केसरी रंग में रंग गई है
तिरंगे में लिपटी देश की शान को
समस्त ब्रह्मंन्ड की शक्ति
श्रद्दा सुमन अर्पित कर रही है।