अमानवीय भंगिमा
अमानवीय भंगिमा
क्या फायदा उन लोगों का जो जुड़के ना कभी जुड़
सके अपनी श्रेष्ठता के मद में वो सदा मतंग बनते ही रहे !
कुछ लोग अपनी कृतियों के प्रसार- प्रचार में लग गए
मित्रता को भूलकर व्यापार वो सबसे करने लगे !
मित्रता के मंत्र में ताल- मेल सहयोग का सिर्फ योग है
इससे जो विचलित हो गए तो भयानक कोरोना रोग है !
मानते हैं आप इतने श्रेष्ठ हैं आपकी बातें निराली होती है
पर हम भी आपके शिष्य हैं हमारे घर भी दीवाली होती है !
कुछ यदि हम प्यार से उपहार देने की जहमत उठाते हैं
आप उसको अनमना सा देखकर तिरस्कार सदा कर देते हैं !
आप अपनी धुन में होकर बातें किसी की नहीं सुनते हैं
मैसेंजर की बात ना पूछो टाइम लाइन को बंद करते हैं !
यह कैसी सुलगती आग लगी स्नेहों का विलय होने लगा
हम अपने लोगों से दूर हुए सारा परिदृश्य अब जलने लगा !