अडिग मैं
अडिग मैं
अडिग मैं अडिग समय
अडिग हैं मेरी क्षमता
अडिग हैं ये जीवन धारा
जिसमें मैं हूं बहता।।
अडिग से चल रहे
समयप्रवाह को मैं मोड़ रहा
अडिगसा ये साहस मुझे
अडिगसा बल दे रहा।।
जीवन के हर पथ पे
अडिगसा आत्मविश्वास भा रहा
अडिगसा ये विश्वास लेकर
अडिगसा मैं चल रहा।।
कठिन राहों के पत्थरो को
ठोकर लगी पैरोंसे तोड़ रहा
मंजिल के हर काटों पर
अडिग हों के मैं चल रहा।।
अडिग मैं अडिग समय
अडिग हैं मेरी क्षमता
अडिग हैं ये जीवन धारा
जिसमें मैं हूं बहता।।
