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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Inspirational

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Inspirational

अच्छा

अच्छा

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अच्छा को

अच्छा

कहने के लिए

अच्छी

वाणी चाहिए,

अच्छा को

अच्छा

देखने के लिए

अच्छी

नजर चाहिए,

अच्छा को

अच्छा महसूस

करने के लिए

अच्छी

समझ चाहिए,

अच्छा के साथ

अच्छा

बनने के लिए

अच्छा

होना हीं चाहिए,

तब कहीं जाकर

अच्छा और

खराब का

पहचान

हो सकेगा,

नहीं तो

अच्छा भी

बुरा कब

बन जाएगा,

पता हीं

नहीं चलेगा

बुरा अपना

अस्तित्व

हमेशा हीं

बनाए रहता है,

अच्छा को

दबाए रहता है

लेकिन

अच्छा

धीरे धीरे

बुरा को

दबाकर

ऊपर

आ हीं

जाता है,

बुरा के

वजह से हीं

अच्छा अपना

अस्तित्व बनाए

रहता है



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