अभी तो तिरंगा हुआ हूँ मैं
अभी तो तिरंगा हुआ हूँ मैं
अभी तो बस साख से गिरा हूँ मैं
ज़मीन पर पड़ा हूँ मैं
अभी तो ज़िंदा हूँ मैं
अभी तो बस पंख कतरे गए है
शरीर पे घाव किए गए है
अभी तो ज़िंदा हूँ मैं
कुछ कर गुज़रने का हौसला लिए हूँ मैं
कुछ परिंदो से उड़ने का हौसला लिए हूँ मैं
अभी तो आरजू हूँ मैं
अब उठने की तैयारी में हूँ मैं
सफ़र के लिए राजी हूँ मैं
अभी तो हौसला हूँ मैं
जिगर में आग लिए हूँ मैं
अॉंखों में तूफ़ान लिए हूँ मैं
अभी तो बाग़ी हूँ मैं
अंधेरी गलियो से गुजरा हूँ मैं
सच की तलाश में भटका हूँ मैं
अभी तो अग्निपथ हूँ मैं
चाँद की रौशनी में जला हूँ मैं
सूरज के छाँव में तपा हूँ मैं
अभी तो कोयला हुआ हूँ मैं
तारो से चमका हूँ मैं
हवाओ से बहा हूँ मैं
अभी तो सरहद पे हूँ मैं
खेतो के हरियाली सा हूँ मैं
साहस सा गेरुआ हूँ मैं
अभी तो तिरंगा हुआ हूँ मैं।