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Keshav Viveki

Abstract

5.0  

Keshav Viveki

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अभी कुछ और दिखाना बाकी है

अभी कुछ और दिखाना बाकी है

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जो किया अब तक, कुछ भी नहीं,

जो हासिल कर सका, कुछ भी नहीं।

मेरा प्रयास, छोटी-सी बस झांकी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


कैसे-कैसे, स्वयं को तैयार किया, 

अपने-आप को बदलने का प्रयास किया।

अभी अपनी क्षमता को बस आंकी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


आलस से कभी टकराव किया, 

आगे बढ़, समय से प्यार किया।

वास्तविक लगन, अभी तो लगी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


मेरा शुरुआत, कभी बड़ा अनोखा था,

क्या सही और क्या गलत, सब धोखा था।

छोटे में चला, बड़ा करना ठानी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


कल की आदत को पहले बदला,

टालने, नकारने से कहीं निकला।

अभी बस मैंने, आज को भांपी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


देखते-देखते, कुछ तो सीख लिया,

चलकर अनुभव से सीख लिया।

सीखना ही नहीं काफी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


भरोसा स्वयं पर करने आया,

कर्तव्यनिष्ठा पर विश्वास बनाया।

उत्साह अंतः स्थल पर जागी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।।


दिन प्रतिदिन संघर्ष बढ़ रहा, 

अब तो नींव मजबूती पकड़ रहा।

चली जो चाल, कुछ नहीं त्यागी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।।


काम से हमें ऊर्जा मिलती है,

लगने से कहीं जागरूकता फैलती है।

लहर शुरू हुई, तूफान लाना बाकी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


क्या करूं कि सब भ्रम में पड़ जाए,

कुछ अलग दिखाऊ, सब जाग जाए।

अस्तित्व क्या बना, इतिहास बनाना बाकी है,

अभी कुछ और दिखाना बाकी है।


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