अब नेत्र खोल ले
अब नेत्र खोल ले
जाग तू और अब नेत्र खोल ले
बिखर गई जो शक्ति वो बांहों से जोड़ ले
बल बड़े है बलवान खड़े है
वृक्ष की भांति सामने अड़े है
जाग तू और अब नेत्र खोल ले
बिखर गई जो शक्ति वो बांहों से जोड़ ले
भर ले सांस मन को दे विश्वास
कर ले खुद में इच्छा शक्ति का वास
बलवान भी अब टिक ना पाए
वृक्ष की भाती अड़ ना पाए
जाग तू और अब नेत्र खोल ले
बिखर गई जो शक्ति वो बांहों से जोड़ ले
लहराएगा जो तू हवाओं के साथ
दुश्मन उड़ जायेगा किट पतंगों से साथ
दे दे तू हुंकार अपने आने की
फिर नहीं पड़ेगी जरूरत कहीं जाने की
जाग तू और अब नेत्र खोल ले
बिखर गई जो शक्ति वो बांहों से जोड़ ले
