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NISHA KOTNALA

Inspirational

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NISHA KOTNALA

Inspirational

अब अकेला नही हूँ

अब अकेला नही हूँ

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आज से पहले अकेला था शायद,

आज नहीं हूँ,

कुछ नए दोस्त बना लिए हैं मैंने।


पहले भी थे मेरे आसपास,

पर अब दिल में बसा लिए हैं मैंने

अब रोज़ मुलाक़ात करता हूँ इनसे

सब बातें करता हूँ इनसे, अब खुश हूँ,


अच्छा भी लगता है,

ये बताते भी नहीं किसी को जो इनसे कहता हूँ,

समझते हैं मुझे।


ठंडी हवा जैसे थकावट खुद

संग ले चली जाती है,

बारिश जैसे समझाती है के,

कभी कभी भीगने से सब नया जैसा लगता है,


बारिश की बूंदें बताती हैं के

संग बरसे तो ही बारिश कहलाएंगे,

चाँद और तारे बताते हैं कि

हम ही मिलकर अंधेरे को रात बनाते हैं।


अब पंछियो से भी बात करता हूँ

बहुत दोस्त हैं अब मेरे,

अब अकेला नहीं लगता,


नए दोस्तो के साथ अच्छी कट रही है।


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