आशा
आशा
निराशा के दीपक बुझाए
आशाओं के दीपक जलाएं
दशों दिशा मैं फैलो अंधेरों को
मिलकर कोसो दूर भगाए।।
इंसान बैठा सड़क किनारे
सर पर हाथ लगाए किस्मत को कोस राहा है
उदासी है उसके चेहरे पर
मन में निराशा ने जन्म लिया है
अगर आशा का एक दीपक
इंसान अपने मन में जलाए
मेहनत करके जीवन के सभी कष्टों को दूर भगाए।।
आशा है एक मां को उसका बेटा जिंदगी मैं सफल होगा
आशा है एक पिता को उसका बेटा जिम्मेदारी निभाएगा
आशा है एक गरीब किसान को
इस बार उसकी फसल अच्छी होगी
आशा है बंजर धरती पे
एक दिन पानी जमकर बरसेगा
मनचाहा फल जब मिलेगा
कल एक बेहतर दिन होगा।।
अगर ढूंढ लाए जिंदगी से बहाने रुलाने के
और आ गए कई कठिन अवरोध सभी हराने के
हिम्मत के सीढ़ी चढ़ते-चढ़ते
हजारों बाधाएं हटेंगी हंसना भी मुमकिन होगा
कभी ना कभी कल का दिन बेहतर होगा।।
रात अंधेरी होगी
आंख मूंदकर कट जाएगी
नैनों में सपने बुनते- बुनते
कोई किरण सुबह आएगी
बो सबेरा तो जरूर स्वर्णिम होगा
कल का दिन एक बेहतर दिन होगा
आशाएं तो जरूरी है जिंदगी मैं
निराशाओं को मिटाने के लिए
पर मेहनत भी उतनी जरूरी है इन आशाओं को पाने के लिए।।