आओ, बनाएं दुनियां नई।
आओ, बनाएं दुनियां नई।
प्रकृति है खतरें में,
ना शुद्ध वायु है कहीं
जलधि में डूब रहीं जिंदगी,
तो कहीं बंजर है मही
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव,
पर्यावरण का हाल तो देखो
पिघल रही बर्फ
पर पीने को पानी नहीं।
संयुक्त राष्ट्र हो या अमेरिका,
बातें तो सबने कई कहीं
जमीन हकीकत पर जानो,
सच्चाई है छुपी नहीं
किसको ज़िम्मेदार ठहराए,
और किसे कहें गुनही,
आओ मिल सब काम करें,
और बनाएं दुनिया नई।
