लौट आना अच्छा लगता है
लौट आना अच्छा लगता है
मुझे अपनी जमीं पर लौट आना अच्छा लगता है।।
खुश हूँ मैं यहाँ भी, आज़ादी है गुनी कई,
भौतिक सुविधाओं से भरपूर ,
और मौज़ मस्ती की कमीं नहीं।
पर जब लौटता हूँ अपने घर,
तो बात ही कुछ और होती है,
अपने लगते हैं जमीं और जंगल
सब कुछ अपना सा लगता है।।
मुझे अपनी जमीं पर लौट आना अच्छा लगता है।।
धूल मिट्टी भरपूर वहाँ,
वैभवता का नाम नहीं,
दोस्तों का हुजूम नहीं,
सैर सपाटों का काम नही ।
पर याद करता हूँ जब, गाँव की उस सादगी को,
वो पगडण्डी और प्रकृति की उस शांति को,
तो सब कुछ सपना सा लगता है।।
मुझे अपनी जमीं पर लौट आना अच्छा लगता हैं
यूँ तो यहाँ बहुत कुछ पाया है मैंने,
घर गाड़ी बँगला सब कमाया है मैंने।
पर जब देखता हूँ खुद का माँ की नज़रों से
तो सब कुछ फीका सा लगता है
सोशल मीडिया के खेल में,
बचपन छूटा सा लगता है।।
मुझे अपनी जमीं पर लौट आना अच्छा लगता है
भारत माँ पर मर मिटने का मन होता है,
अपने वतन लौट आने का मन होता है।
पर पैसा या अपनी जमीं, नौकरी या अपना वतन,
बस, इसी उधेड़बुन में निकल रही जिंदगी
पर देखता हूँ जब गली में खेलते,
इन बेफिक्र बच्चों को, तो बड़ा अच्छा लगता है।।
मुझे अपनी जमीं पर लौट आना अच्छा लगता है ।।
