आकर्षण
आकर्षण
ये उनके चेहरे का खुम्मार था
जिस वजह से हमे उनसे प्यार था
समय गुजरा, दिन ढले
और हमे पता चला की वो
नही इंंसान भले
आसमां से काली घटाएं छटी
हमारे दीमाग से धूल हट
समय ने क्या खेल रचाया
हमे अब जाकर समझ आया
उन्हें हमसे था बेशुमार
पर वो था आकर्षण
ना की प्याार।