आज की नारी
आज की नारी
आज की शान है नारी,
जो की है सब पर भारी l
समाज की जान है इनमें सारी,
ये हट जाए तो समाज की शान हो खारी l
कहो इन्हें मॉडर्न वुमन या सशक्त नारी,
पर सुनती है सबकी दुखियारी l
मां, बहन, बेटी या हो कोई भी रूप,
पर हैं तो ये ईश्वर का स्वरूप l
है ये पूरे जग की पालन हारी,
इसलिए तो है सबसे न्यारी l
पढ़ लेती है सबका मन,
इसलिए तो कहलाती है वंडर वुमन l
