आईना
आईना
आईने से पूछो,वफा क्या है
सब्र रखने की,इन्तेहा क्या है
बिखरने से बढ़कर,सज़ा क्या है
तेरा इस दीवार से रिश्ता क्या है
अक्स को संभाले रखना, पहलु में अपने
सिर्फ तू जाने मेरे वजूद के निशान क्या है
खाली मकान, खाली दिल लिए फिरते हैं
तेरी दहलीज़ पर किसी नकाब की, जगह क्या है.
