आई सर्द की रात
आई सर्द की रात
आई सर्द की रात मौसम सुहावना हुआ,
पक्षियों का मधुर गाना और चहकना शुरू हुआ ।
आई सर्द की रात आसमान में चंद्रमा की चांदनी हुई,
चांदनी रात सुहानी हुई और टीमटीम तारों की शरारत शुरू हुई ।
आई सर्द की रात मन में उठा तूफान,
पिया को मिलने की तलब ऐसी जगी और दिल में उठा तूफान ।
आई सर्द की रात घनश्याम गोपियों के संग जुलने लगे,
हवा गुनगुनाने लगी और तारे टिमटिमाने लगे ।
आई सर्द की रात चांद की शीतलता लहराई,
मन के आवेग बढ़ने लगे और पुष्प पे खुश्बू लहराई ।
आई सर्द की रात औंस की बुंदे बिखरने लगी हसीन नजारा छाने लगा,
पृथ्वी निहाल हो रही है और दिलकश नजारा छाने लगा ।
आई सर्द की रात साथ लाई देव दिवाली,
मेला लगा गंगा के घाट आई है देव दिवाली ।
आई सर्द की रात बाग बगीचा खिल उठा,
फसलें लहलहा रही और किसान मुस्कुरा उठा।
आई सर्द की रात सर्दी से संभलने लगे लोग,
कवि गीत गुनगुना रहे हैं और महफिल सजाने लगे लोग ।
आई सर्द की रात होने लगी रात लम्बी,
गरीब वर्ग महसूस कर रहा है रात लम्बी ।
आई सर्द की रात सर्दी बढ़ने लगी है और ठंडी लोगो को लिपट रही हैं,
धूप सुहानी लग रही है और गरमाहट चादर में लिपट रही हैं।
आई सर्द की रात, बहुत सुहानी लगे सर्द की रात,
सप्तिरंगी सपने सजा रही है और रोशनी से जगको चमका रही है सर्द की रात।
