बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ
1 min
305
बेटी को मत समझो भार,
ये तो है जीवन का आधार,
जीने का उसको भी अधिकार,
चाहिए उसे थोड़ा सा प्यार,
जन्म से पहले उसे न मारो,
कभी तो अपने मन में विचारो,
शायद वही बन जाए सहारा,
डूबते को मिल जाए किनारा,
बेटी है कुदरत का उपहार,
करो नहीं उसका तिरस्कार,
जो बेटी को दे पहचान,
वही माता पिता महान,
बेटी पर अभिमान करो,
जन्म होने पर सम्मान करो,
आपकी लालसा है बेकार,
बिन बेटी न चले संसार,
बेटी है तो कल है,
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,
समाज को प्रगति के मार्ग ले जाओ,
न अपनी दुनिया स्वयं मिटाओ,
होश में आओ, बेटी बचाओ ।
