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Aarti Prajapati

Abstract

5.0  

Aarti Prajapati

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आएगा समय मिलन का

आएगा समय मिलन का

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फरवरी के साथ हुआ है,

आगमन ऋतुराज बसंत का,

अपने ही साथ लाया है,

मौसम प्यार भरी बहार का,


माना कि वो दूर है,

फिर भी इंतजार है दिलदार का,

साथ मेरे उसकी यादें है,

यादों में भी जिक्र है यार का,


छू रही बदन को तेज़ हवा है,

कह रही संदेशा है यार का,

हवा के ज़रिये तुजे छूआ है,

दिया हाथों में हाथ प्यार का,


क्या हुआ हम पास नहीं है,

साथ तो पास है एकदूसरे का,

जान मेरे क्यों उदास है ?

साथ तेरे साथ है तेरे यार का,


जानती हूँ तड़प तू रहा है,

कर महसूस हाल तेरे प्यार का,

मिलेंगे दिल मेरा कहता है,

कर भरोसा अपने प्यार का,


ये हवा वहाँ तुजे जाना है,

जहाँ ठिकाना है मेरे यार का,

छू कर उसके बदन को कहना है,

संदेशा है तेरी जान का,


हाल तेरा महसूस किया है,

अहसास है तेरी तड़प का,

किया भरोसा प्यार पे है,

होगा खत्म समय इंतजार का,


एक ना एक दिन तो मिलना है,

आएगा समय मिलन का।


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