14 सालों का सफर...
14 सालों का सफर...
स्कूल तू है एक बिल्डिंग किसी के लिए
पर है सब कुछ मेरे लिए
मेरे लाइफ के 14 साल को बनाया तुने बेस्ट
तुने दिया हमे सुबह से शाम तक का नेस्ट
हमने तो बदले क्लासीस हर बार
पर तु रहा वेसा जेसा देखा था पेहली बार
लाइफ का बेस्ट टाइम हैं स्कूल में यार
इसी ने ही दिया टिचर्स और दोस्तों का प्यार
सिखाया तुने नॉर्थ, साउथ, इस्ट, वेस्ट
पर अब क्युं दिया हमे कम्पिटली रेस्ट
बज ने दे फिरसे वो 6 बजे का अलार्म और स्कूल बेल
क्युं छोड़ा तुने ये केहकर के डु ओल वेल
अे, बी, सी से पोहुचे अल्पा, बीटा, थिटा तक
प्राइमरी मे थे हम शांत और अब दिनभर बक बक
डोम्स और अप्सरा की पेनसील्स से हुई थी जर्नी शूरू
सिटिझन और ओर्पेट के कैलकुलेटर्स से हुई खतम
वो दोस्तो की मेहफीइले लगते थे मेले
अाज आखीर क्युं हो गये हम सब अकेले
हम ने तो सब सिखा तुझसे और तुजको ही दिखाया
अपनी प्यार मोहब्बत को तुजपे हीे लुटाया
स्टेज फियर भी तो मेरा किया दूर तुने
क्युं तुजे कभी थेकस नहीं बोला मैने
प्रिंसिपल की रेप्युटेशन से नोनटिचिंग का रिसपैक्ट सब तुने ही तो सिखाये
वर्ना दूनिया ने तो बहोत से चेहरे दिखाये
पेहले सारे काम मेे बोलते थेे हम साथ हैं
फिर आखिर क्युं बोल दिया तुने कि ये तेरा काम है
एक चोट से लेकर दिल टुटने का गम तेरे से ही सहना सिखा है
अब तो बस अपनी अपनी बीजी लाइफ में बह जाना है।
