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Prutha Somaiya

Others

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Prutha Somaiya

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​स्कूल के दिन

​स्कूल के दिन

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ये स्कूल के दिनो की यादें है बहुत प्यारी,

वो दोस्तों की यारी थी बहुत न्यारी।

रोई भले ही नहीं मैं आज,

पर स्कूल को छोड़ना आसान नहीं था आज। 

हाँ, वो टिचर की डांट लगती थी गलत ,

पर आज समझ में आया हम खुद ही थे गलत। 


वो दोस्तों के टिफिन और

उनकी पेन लगते थे अपने,

पर अब ये सारी बातें बन गए सपने। 

वो एक गाड़ी पे हम तीन,

आखिर वापस आयेगे ये दिन ? 

वो सुबह स्कूल लेट से जना,

और छुट्टी मे कैंटीन पे लाइन लगाना। 


वो साईन्स वालो से झगड़ना के

वी आर वरकिंग मोर हारडर घेन यू ,

बट आई मस्ट से ये लड़ाई भी अच्छी थी, क्यूँ ? 

ये तो सब यादें है दोस्तों इन्हें समेट लो,

और अभी एग्जाम्स में मन लगा लो।  

अगर आ जाए अे1 अे2 तो देना पार्टी,

वरना आजा भईया हम भी तेरे साथी। 


                  


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