Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

bhumika gehlot

Drama Inspirational

4.6  

bhumika gehlot

Drama Inspirational

ज़िम्मेदारियां

ज़िम्मेदारियां

2 mins
1.7K


वो पैर बेजान लगते हैं।

उन पैरों की नमी जीवन में असमय मिली बड़ी बड़ी ज़िम्मेदारियां छीन ले गई। वो पैर शरीर का बोझ तो उठाते ही है, अब उन तमाम ज़िम्मेदारियों को भी उठाते हैं। वो खुश रहता या नहीं पता नहीं पर सबको खुश रखने की हर रोज़ कोशिश करता हैं। वो बेफिक्रा जो कभी भी, जब जी चाहे सारे काम छोड़ स्टेडियम में जाकर बॉल उठा कर वॉलीबॉल खेल लिया करता था, अब हजारों ज़िम्मेदारियां उठाता हैं। वो एक बेटा होने के सारे फर्ज़ अदा करता है तो साथ ही पिता होने के कर्तव्य भी बख़ूबी निभाता हैं। जब से पत्नि छोड़कर चली गई है, अपने बच्चों की मां भी वो ही बन जाता हैं।

कभी-कभी बच्चों की गलतियों पर वो पिता बनकर सख़्ती दिखता है तो अगले ही पल मां बन पुचकारता हैं। एक औरत कैसे ज़िन्दगी भर रिश्तों में ताल मेल बनाए रखती हैं, अपनी पत्नि के उस काम को अब वो आगे बढ़ाता हैं। पहले तो कुछ देर ज्यादा सो लिया करता होगा पर अब तो बच्चों को जगाने के लिए सबसे पहले उठना पड़ता हैं। वो बेटे को गोद में उठाकर चुप कराता है, तो बेटी को समझाता हैं। जब से चली गई है उनकी मां उन्हें छोड़कर, वो पिता ही तो सारे फर्ज़ निभाता हैं।

बच्चें बचपना करे तो अच्छे लगते है और नहीं होती जिनकी मां वो कुछ जल्दी ही बड़े होने लगते हैं। उस आदमी का खौफ था पहले, बच्चा बच्चा डरता था। पर अब उस चेहरे पर हर वक़्त चुप्पी छाई रहती है। कोई मिलता है उससे तो न जाने झूठी या सच्ची एक मुस्कान चेहरे पर मिलती हैं। उसकी ज़िन्दगी न जाने किस रफ़्तार से भागे जा रही है कि वो बेफ़िक्री कहीं पीछे छूटती जा रही हैं। घर में शू रेक में किसी कोने में पड़े स्पोर्टस शूज और जुराबें हर दिन उसका इन्तज़ार करते हैं, कि वो आएगा, उठाएगा उन्हें, पहनेगा और एक लंबी दौड़ पे निकल जाएगा।

हां वो उठता है हर दिन, जाता है उस शू रेक के पास और स्पोर्टस शूज से सटाकर रखे जूते पहनता है और निकल पड़ता है अपनी ज़िम्मेदारियों के साथ।

बेफ़िक्री को भुलाकर, उसे अपने अंदर किसी कोने में दबाकर, बस चल रहा है वो फ़कत सांसों का साथ निभाकर।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama