प्राणी एक पानी की बूंद
प्राणी एक पानी की बूंद
प्राणी एक पानी की बूंद की तरह है, जो बनती है और ऑटोमेटिक नष्ट हो जाती है। कभी किसी से बैर मत कर प्राणी, कभी दुखी मत हो प्राणी, कभी द्वेष मत रख प्राणी, कभी बुरी बात मत कर प्राणी, ये पानी की बूंद है !
हर बूंद को अंत में नष्ट ही होना...।