नई राह..
नई राह..
छोटी-सी हल्की मासूम मुस्कान
जैसे अनगिनत तारे छुपाया आसमान
नटखट शरारती तेज़ वो आँखें
खो जाये हर कोई जो उनमे झाँकें
यहाँ-वहाँ घूमती हुई नज़र
कर चुकी मुझपे अपना असर
सोचके उसे लगेे मिल गई है नई राह
हर रोज़ लगी रहे बस उसे ही देखने की चाह...