महात्मा गांधी
महात्मा गांधी
उनके भारत आते हीं आई सच्चाई की आंधी।
वे महापुरुष थे मोहन दास करमचंद गांधी।।
घर इनका गुजरात में था, रहते थे पोरबंदर।
कभी न पहने ये कपड़े सुंदर-सुंदर।।
लाठी लेकर निकलते थे धोती ये पहने।
आखिरकार न दिए अंग्रेजों को भारत में रहने।।
जब तक रहें, सब जगह ये सिर्फ़ बोले,
कभी न अपने हाथों से अंग्रेजों पर बरसातें गोले।।
धीरे-धीरे करके अंग्रेजों के सारे नियम तोड़ें।
सब अंग्रेज़ धीरे-धीरे भारत को छोड़े।।
गांधीजी की कहानी का है यह छोटा-सा टापू।।
प्रेम से कहते हैं हम उनको गांधी और बापू।।
स्न 1948 में उनका रहने का समय बीता।
आज भी हम उनहे शस्मरण कर कहते हैं राष्ट्रपिता।।