माटी के पुतले
माटी के पुतले
"वो पुतले कितने अंजान रहते,
न कुछ बोलते हैं न कुछ सुनते,
वो पुतले माटी के बने होते,
दिखने मे कितने आकर्षित होते,
कलाकार भी क्या छाप छोडते,
पुतले कई संस्कृति को उजागर करते,
ये पुतले माटी के बने होते यह काफी नाजुक होते"
"वो पुतले कितने अंजान रहते,
न कुछ बोलते हैं न कुछ सुनते,
वो पुतले माटी के बने होते,
दिखने मे कितने आकर्षित होते,
कलाकार भी क्या छाप छोडते,
पुतले कई संस्कृति को उजागर करते,
ये पुतले माटी के बने होते यह काफी नाजुक होते"