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Sana Johar

Romance

4  

Sana Johar

Romance

यादें

यादें

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तेरी यादों का मंज़र हर तरफ छाया है

तन्हाई में बस तेरा ख़याल आया है !


दिल पे इख़्तियार कहाँ किसी का चलता है

ये दिल भी तेरी ख़ोज में बहुत दूर निकल आया है !


तेरा ही मुन्तज़िर हो कर बैठा है ये दिल

कहाँ किसी और के लिए ये मयस्सर पाया है !


तेरी मुसलसल मुख़्तलिफ़ यादों ने

मेरे दिल पे हर वक़्त कब्ज़ा जमाया है !


मेरे लब पे सिर्फ अलफ़ाज़ हैं तेरे

और किसी का नहीं कभी ज़िक्र आया है!


रूह से मोहब्बत हो गयी है तुमसे

इस दिल को बस मुकम्मल होने का फ़ितूर छाया है !


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