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shuddhatam jain

Inspirational

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shuddhatam jain

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विनम्रता

विनम्रता

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एक बार एक घड़े पर ढकी प्याली ने घड़े से कहा- ‘‘भैया ! आप सभी पात्रों को जल से भर देते हो, लेकिन आपने कभी मुझे तो पानी से तृप्त नहीं किया।’

तो घड़े ने उत्तर दिया- ‘बहिन ! जो भी पात्र विनम्रता से झुककर मेरे अन्दर आता है उसे मैं जल से भर देता हूं, लेकिन तुम तो सदैव मेरे सिर पर अहंकारी बनकर बैठी रहती हो, इसलिए मैं तुम्हें कैसे जल से भर सकता हूं।’


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