यही हमारी दौलत है, यही हमारा धन है। यही हमारी दौलत है, यही हमारा धन है।
इसलिए मैं तुम्हें कैसे जल से भर सकता हूं। इसलिए मैं तुम्हें कैसे जल से भर सकता हूं।
कहते हैं कि पाप का घड़ा कभी न कभी तो फूटता जरूर है। कहते हैं कि पाप का घड़ा कभी न कभी तो फूटता जरूर है।