टीनएज ट्रकवाली
टीनएज ट्रकवाली
थाने में बैठा कमलू सिपाहियों, पत्रकारों और कुछ लोगो की भीड़ लगने का इंतज़ार कर रहा था ताकि अपनी कहानी ज़्यादा से ज़्यादा लोगो को सुना सके। पुलिस के बारे में उसने काफी उल्टा-सुल्टा सुन रखा था तो मन के दिलासे के लिए कुछ देर रुकना बेहतर समझा।
"हज़ारो किलोमीटर लम्बा सफर करते है, हम ट्रक वाले साहब! एक बार में पूरा देश नाप देते है। जगह-जगह रुकता हूँ, सब जानते है मुझे। आपके थाने में 4 ढाबे पड़ते है पर रात में केवल एक खुला मिलता है तो अक्सर यहाँ रुकना होता है। एक बार उसके अगले पेट्रोल पंप के बाहर बैठी एक लड़की देखी, यहाँ की नहीं लग रही थी और पता नहीं रात को वहाँ क्या कर रही थी। या शायद मुझे पता था पर मैं मानना नहीं चाहता था। अगली बार जब आया तो वह लड़की मरी आँखों वाली एक औरत बन गई थी। सोचा, 'काश उस दिन रुक जाता! पर रुककर, कर भी क्या लेता? रुक के देख तो ले पगले...शायद कुछ हो जाए'
लोगो और पुलिस की नज़रों से बचने के लिए पेट्रोल पंप वाला धंधे पर एक-दो लड़कियाँ ही रखता था। जब किसी की नज़र पड़ती भी थी तो उस पर पैसे डाल दिया करता। पहले आप लोगो को बताया तो मुझे बाहर से ही भगा दिया फिर अपने जमा रुपयों से ये लड़की खरीदी और हेल्पर हटाकर इसे रख लिया। कुछ हफ्तों बाद यहाँ से जाते हुए एक लड़की दिखी, आदत ऐसे थोड़े ही जाती है। मैंने पंप के मालिक को समझाने की बहुत कोशिश की पर वो नहीं माना, उल्टा मुझे बेची लड़की ज़बरदस्ती वापस लेने की बात करने लगा। किसी तरह वो लड़की भी खरीदी, अब मेरी 2 हेल्पर हो गयी। फिर महीने भर बाद के चक्कर में एक और...। मैंने कह-कहा के अपने एक दोस्त की शादी उस से करवा दी। जब अगले चक्कर में नई लड़की खड़ी दिखी तो रहा नहीं गया। मोड़ दिया ट्रक पेट्रोल पम्प की ओर और कुचल दिए उसके मालिक और 3 नौकर। फिर एक्सिलरेटर दबा के कूद गया बाहर, ट्रक लड़ा पेट्रोल टंकी में और ब्लास्ट हो गया"
एक पत्रकार ने पूछा, "यह सही रास्ता नहीं है। तुम्हारे पागलपन में 2 निर्दोष लोग मारे गए और कुछ घायल हुए उनका क्या?"
कमलू मुस्कुराकर बोला - "उनका कुछ नहीं, जैसे रोज़ सबके सामने बिकती इन गरीब लड़कियों का कुछ नहीं। सही रास्ते पर चलकर देख लिया बाबू! कहीं नहीं जाता। बस गोल-गोल घुमाते हो तुम लोग और आदमी थक-हार कर लड़ाई छोड़ देता है"
पत्रकार साथी पत्रकारों के सामने अपनी इतनी आसान चेक-मेट कैसे मान लेता, "अब इन लड़कियों का क्या होगा? इतनी ही फ़िक्र थी इनकी तो यह काम करने से पहले इनका तो सोचा होता"
कमलू - "बाकी 15-16 की है पर इनमे एक 19 साल की है, उसको थोड़ा सिखाया है और लाइसेंस दिलवा दिए है। अभी छोटे रूट पर ट्रक चलाएगी बाकियों को बैठाकर"
पत्रकार - "लाइसेंस दिलवा दिए है मतलब ट्रक के अलावा और क्या चलाएगी?"
कमलू - "ज़रुरत पड़ने पर बंदूक भी चलाएगी...."
