स्वीट मेलोडी
स्वीट मेलोडी
10 साल की आरिया काफी समय बाद आज अपने कमरे की खिड़की से, अस्ताचलगामी सूर्य की लालिमा से रक्ताभ हुए आकाश में पंख पसारे पक्षियों की चहचहाहट को केवल महसूस कर पा रही थी।
4 महीने पहले "कनेक्टिव टिशु डिसऑर्डर" नाम की बीमारी ने उसकी सुनने की क्षमता को छीन लिया था।
आरिया मतलब मेलोडी माने स्वर की मधुरता।
4 साल की उम्र से ही आरिया का संगीत में रुझान था।
जब उसकी उंगलियां गिटार पर चलती और खनकती आवाज़ में वो कोई गाना गाती तो लोग अपनी सुध बुध भूल जाते।
संगीत के प्रति उसका लगाव धीरे-धीरे उसका जुनून बनने लगा था, उसका सपना था कि एक दिन वह एक मशहूर सिंगर बनेगी।
लेकिन आज पक्षियों के कलरव ने उसे आशा की नई किरण दी थी।
धीरे धीरे आरिया में आत्मविश्वास बढ़ने लगा, क्या हुआ अगर वो सुन नहीं सकती थी, उसने संगीत को महसूस करना शुरू कर दिया।
अब उसने अपने पैरों और मष्तिष्क में धीरे-धीरे कम्पन और ताल को महसूस करके अपनी आवाज़ के उतार- चढ़ाव पर भी नियंत्रण पा लिया था। एक बार फिर संगीत आरिया की पूरी दुनिया बन गया था।
10 साल बाद.....
आज मुंबई के एक बड़े स्टेडियम में अपने लाखों फेन्स के सामने बड़े से स्टेज पर नंगे पैर स्पॉट लाइट में खड़ी आरिया, अपने सपनों की नन्ही उड़ानों को एक विस्तृत आकाश पाते देख रही थी।
