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डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

Drama

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डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

Drama

सपनों की उड़न परी

सपनों की उड़न परी

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एक राजकुमारी जो सपनों की दुनिया में खोई थी।

सपनो में राजकुमार का इंतजार कर रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि ओ घोड़े में बैठकर मेरे पास आ रहे हैं। सिर पर मुकुट बगल में तीर धनुष लिए वीर योद्धा जैसे प्रतीत होती हुई दिखाई दे रहे हैं।

धीरे धीरे रात जो है दिन में तब्दील होने वाली ही थी कि उसकी मम्मी ने उसे जगा दिया।

सपनों की उड़न परी का सपना टूट गया। उसके पश्चात खूब रोई। अपनी मां को पूरी कहानी सुनाई। अब मेरे लिए ऐसे ही राजकुमार लाओ, वरना खाना नहीं खाऊंगी। उस की मां बहुत पछताई। इसलिए किसी भी को सोते समय नहीं जगाना चाहिए।सपने टूट जाते हैं, अब पछताये क्या जब चिड़िया चुग गई खेत मुहावरा चरितार्थ हुआ।


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