अब पछताये क्या जब चिड़िया चुग गई खेत मुहावरा चरितार्थ हुआ। अब पछताये क्या जब चिड़िया चुग गई खेत मुहावरा चरितार्थ हुआ।
अँधेरा जब ज्यादा बढ़ जाता है, तो "शकुन" रोशनी सामने ही होती है। अँधेरा जब ज्यादा बढ़ जाता है, तो "शकुन" रोशनी सामने ही होती है।
मैं मासूम छोटे छोटे बच्चों और भाभी को किसी मुसीबत में घिरते कैसे देख सकता था। मैं मासूम छोटे छोटे बच्चों और भाभी को किसी मुसीबत में घिरते कैसे देख सकता था।
बच्चा बुरी आदत में न फंसे और उसको शर्मिंदा भी न होना पड़े बच्चा बुरी आदत में न फंसे और उसको शर्मिंदा भी न होना पड़े
आज मिली इतनी चर्चा तुम्हारे कुछ काम तो सरल कर सकेगी आज मिली इतनी चर्चा तुम्हारे कुछ काम तो सरल कर सकेगी