सपनों की फरारी
सपनों की फरारी
एक लड़का जिसका नाम था फरहान। कद में छोटा पर बुलंद हौसलों वाला। बचपन से ही उसका एक ही सपना था, महान गायक बनकर विश्व में अपनी छाप छोड़ना। 6 साल की उम्र से ही वह रोज सुबह उठकर रियाज करता। उसने सभी वाद्य यंत्रों की शिक्षा पूर्ण की हुई थी। सभी वाद्य यंत्रों में उसको महारत हासिल थी, किंतु गिटार उसका पसंदीदा वाद्ययंत्र था।
17 साल की उम्र में उसको एक मौका मिला। मुंबई का एक लोकप्रिय शो से उसको प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रण आया। जीतने वाले को एक फरारी और ₹250000 का विजेता बनने का सुनहरा अवसर मिलेगा। उस समय उसके घर के हालात भी आर्थिक रूप से सही नहीं थे। अतः यह निमंत्रण उसने बिना सोचे स्वीकार कर लिया। उसको अपनी कला पर बिल्कुल भी घमंड नहीं था ।अतः वह इस आमंत्रण के आते हुए भी रोज सुबह उठकर रियास करता पर अपने घर की आर्थिक तंगी देखकर उसने अपना रियाज और बढ़ा दिया जिसके कारण उसका गला बैठ गया और प्रतियोगिता में सिर्फ एक हफ्ता शेष था। वह परेशान होकर हताश हो गया।
उसकी मां ने यह देखा और उसको गर्म पानी के गरारे करने की सलाह दी, उसने इस सलाह का पालन किया और तत्पश्चात उसका गला ठीक हो गया।
प्रतियोगिता का दिन आया उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई और 10,000 प्रतियोगियों में वह विजयी घोषित हुआ और उसको उसके सपनों की फरारी की फरारी अंतः मिल ही गई और अपने घर की आर्थिक तंगी को दूर करने में सक्षम भी हुआ और विश्व में एक महान गायक के रूप में प्रसिद्ध भी हुआ।
इसलिए कहा गया है सपने देखना आसान बात है पर उतनी ही शिद्दत से उसको पूरा करना महान बात है।
