Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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विवेक कुमार सिंह

Drama Fantasy

3.5  

विवेक कुमार सिंह

Drama Fantasy

सपनों की दुनिया

सपनों की दुनिया

1 min
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तेजी से चलते हुए पैर दर्द करने लगे,अभी शाम नहीं हुई थी पर बादलों ने ऐसा घेरा था लग रहा कोई हम मेरी पत्नी को मुझसे छीन लेगा शायद इसी लिए जोरों से हाथ पकड़े हुए हम दोनों ने जाने किस रास्ते पर चल कर घर आ रहे थे,ओ हर बार पैर दुखने का बहाना बना कर मुझपर चढ़ कर चल मेरे घोड़े कहती,

मैं जोरो से चलता हुआ घर पहुचा ही था उसने कहा बिट्टू रो रहा होगा मुझे छोड़ो ओ जोरों से भागी गायब हो गई तब लगा ओ हमसे नहीं बिट्टू मेरे बेटे से प्यार करती है तभी मुझे चक्कर आया गिर पड़ा लगा जोरो से चोट लगी पर देखा मां जगा रही थी और मैं बिस्तर से गिरा अब गिर गया चोट लगने पर समझ आया यह सपना था जो कल एक नावेल गुनाहों का देवता पढ़ने के बाद आ रहा था। यह बात माँ को कैसे बताता की क्या देखा करता हूँ, सपने में पर माँ सब जानती है।


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