सपने सच होते हैं..
सपने सच होते हैं..
उम्मीदों को पंख लगाना,
जब करलो आसान।
तब सपने पूरे होते हैं,
भरते उच्च उड़ान।।
मरुभूमि जल अभिसिंचित हो,
झुकते पर्वत आगे।
श्रम बिंदु से घबराकर तब,
बाधाएँ हैं भागे।।
करे पराजित हर मुश्किल को,
दृढ़ता से इंसान।
तब सपने...
जब दशरथ मांझी के मन में,
एक सपना मुस्काता।
एक छेनी और एक हथौड़े से,
पर्वत कट जाता।।
सुगम राह कर देता सबकी,
होता न परेशान।
तब सपने...
शारीरिक अक्षमता को जब,
दर किनार कर देते।
तब हिम के उतुंग शिखर पर,
विजयी ध्वजा फहरते।।
देख साहसी की मुस्कानें,
झुक जाता आसमान।
तब सपने....