समय
समय
क्या है यह समय ?
शिष्य ने पूछा गुरु से ।
जवाब मिला समय का मतलब समय ही है ।
शिष्य ने सोचा यह कैसे अचम्भे में डाल दिया गुरुजी ने।
उसने पूछा गुरुजी क्या में समय तो ढूँढ सकता हूँ ?
गुरुजी हँस पड़े और बोले नहीं शिष्य
समय तो बलवान है ।
शिष्य का मन विचलित हो उठा।
उसने कहा समय बलवान है तो हम उसके भार को कैसे उठाएँगे ।
गुरु जी ने कहा समय अपना भार खुद उठाता है ।
शिष्य सोचने लगा कही गुरुजी मेरी परीक्षा तो नहीं के रहे?
उसने सोचा माँ के पास जाता हूँ शायद वह जवाब मिल जाए।
वो घर लौटा तो देखा माँ काम कर रही।
उसने माँ से पूछा की माँ समय को ढूँढ नहीं सकते, उसे उठा नहीं सकते क्यूँकि वो बलवान है । ऐसा गुरुजी ने बताया है।
में नहीं समझ पाया इसलिए तुम्हारे पास जवाब माँगने आया हूँ।
माँ बोली बेटा समय एक ऐसा वक्त है जिसे अगर सद करमों में बिताया जाए तो उसका फल समय ही दे सकता है। अगर उसका भारकिसी की मदद करने में लगाया जाए तो बलवान होकर उसकी परेशानी दूर करने में लगा देता है ।
शिष्य को गुरुजी की बात समझ आ गयी और उसने उनके पास जाकर जवाब दिया।
गुरुजी ने कहा की हमें करम करना चाहिए और फल की आशा ना रखते हुए करनी चाहिए । यह ज्ञान हमें हमारे माता पिता और गुरु सेमिलता है। बस कर्म किया जा यही सीख समय भी देता है।
