समय की कीमत
समय की कीमत
आजाद बहुत परेशान था। पेपर नजदीक आ रहे थे और उसे समझ नहीं आ रहा था कि पेपरों की तैयारी कहां से शुरू करे। समय कम और काम बहुत ज्यादा अब उसे अपनी अध्यापिका की कही बातें याद आ रही थी कि हमें हर काम अनुशासन से समय पर करना चाहिए। हम बीता हुआ वक्त वापस नहीं ला सकते।
आजाद को तब टीचर की बात बहुत बुरी लगती थी, और वह तुनककर कहता था कि मैं सब कुछ याद कर लूंगा आप चिंता ना करें। अब उसका मन अंदर से रो रहा था तभी उसे टीचर की कही बात याद आई। जब कुछ ना समझ आए, तो कहीं से तो शुरुआत करनी ही पड़ेगी।उसका मन थोड़ा सा शांत हुआ और उसने छोटे छोटे प्रशन उत्तर पहले याद करने शुरू कर दिए। अब उसे समझ आ रहा था कि समय सच में बहुत ही कीमती है। हमें हमेशा इसका सदुपयोग करना चाहिए।
