Anamika Agrawal

Drama

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Anamika Agrawal

Drama

समलैंगिक

समलैंगिक

2 mins
55


सीता गीता जुड़वा बहने थी। बचपन से ही दोनों में बहुत प्यार था। एक दूसरे को अपने मन की हर बात बताती साथ खेलती कूदती कब जवानी की दहलीज पर पहुंच गई पता ही नहीं चला। परिवार में जब उनकी बड़ी बहन की शादी हुई और वो सबको छोड़कर अपने ससुराल गई। तब से वे परेशान रहने लगी कि एक दिन उन्हें भी अलग होना पड़ेगा। एक दिन दोनों ही घर में अकेली थी उनके मम्मी पापा अपने दोस्त के यहां गये थे। उन्हें अपने मन का डर कहने का मौका मिला कि उन्हें भी शादी के बाद अलग होना होगा तब वे निश्चय किये वे शादी ही नहीं करेंगे पर बातों बातों में सोचने लगे कि शादी के बाद होता क्या है उत्सुकतावश दोनों एक दूसरे के करीब आ गये और एक दूसरे के अंगों के साथ खेलने लगे दोनों को मजा आने लगा अब तो ये उनके रोज का काम हो गया।


वक्त के साथ उनकी उम्र शादी के योग्य हो गई माता के दबाव के आगे उनकी एक न चली संयोग से जुड़वा भाई के साथ उनकी शादी हो गई। शादी के बाद पहली रात ही वो अपने पति को अपने रिश्ते के विषय में बता दी। उनके पति को उनकी इन बातों से कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि उनका भी यही हाल था अब जिन्दगी आसान थी उनकी। दोनों भाई और दोनों बहने साथ साथ रहने लगे घर में भी किसी को ज्यादा परेशानी नहीं हुई।

     वक्त के साथ उन बहनों को कुछ कमी खलने लगी सब खुशियां होने के बाद भी उन्हें कुछ अधूरा सा लगता था जब अपनी सहेलियों को अपने बच्चों संग बच्चा बन खेलते देखते। तब वे भी कुछ खो सी जाती। इस बात से उनके पति भी अंजान नहीं थे। इसलिये वे एक नये रिश्ते के विषय में सोचने लगे।

       साल भर में ही उनके घर में किलकारियां गुंजने लगी। बिना किसी परेशानी के उनके जीवन में मुस्कान बिखर गयी।

  समलैंगिक कोई अभिशाप नहीं है, यह भी जीवन जीने का सिर्फ एक तरीके है। उन्हें भी मुस्काने का हक है।

    


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