स्कूटर के दिन बदल गये
स्कूटर के दिन बदल गये
आजकल स्कूटर बड़ा खुश है । और खुश हो भी क्यों नहीं आखिर उसके सुनहरे दिन जो लौट आये हैं । मूंछों पर ताव देकर, आहिस्ता से बालों को झटक कर , कॉलर ऊंची कर के , छैला बाबू बनकर गलियों में सीटी बजाते हुये वह घूम रहा था । मारुति, नैनों जैसी कारों को तो वह भाव ही नहीं दे रहा था । पता नहीं इतनी अकड़ कहाँ से आ गई थी उसमें ?
गली में चलते चलते उसे ऑडी कार मिल गई । मेकअप से चमचमा रही थी ऑडी कार । मेकअप भी बड़ी कमाल की चीज होती है । पचास की उम्र को तीस में कन्वर्ट कर देती है । कारों का मनपसंद शौक है मेकअप करना । पता नहीं किसे आकर्षित करने के लिए इतना मेकअप करती हैं कारें, हम तो आज तक समझ ही नहीं पाये । और तो और भरी सर्दी में भी किसी शादी , पार्टी में जाती हैं तो "कवर" भी नहीं लगाती । कहती हैं कि इससे उनका मेकअप और "फिगर" दिखाई नहीं देता है । पर , इसे दिखाना किसे है ये बेचारे "स्कूटर" आज तक समझ नहीं पाये ।
स्कूटर को इतना अकड़ कर जाते देखकर ऑडी ने बुरा सा मुंह बनाया । कहने लगी "इतना क्यों अकड़ता है ? कौन सा खजाना मिल गया है तुझे ? या फिर किसी बी एम डब्ल्यू से नैन मटक्का हो गया है तेरा" ?
स्कूटर ने ऑडी को कोई भाव नहीं दिया और अपनी धुन में सीटी बजाता हुआ चला गया । इस घटना से ऑडी को बड़ी चोट लगी । अब तक तो वह स्कूटर जैसे छोटे, लुच्चे लोगों के मुंह नहीं लगती थी । लेकिन एक स्कूटर की इतनी हिम्मत ? उसके रूप, अहम्, प्रतिष्ठा को बड़ी ठेस लगी ।
इसी बीच सामने से इनोवा आ रही थी । उसने उसे रुकवाया और दोनों बीच सड़क पर ही बतियाने लगीं । वैसे हमारे देश में बीच सड़क पर बतियाने में जो सुख मिलता है वह कहीं और बतियाने पर नहीं मिलता है ।
ऑडी ने स्कूटर के घमंड का जिक्र छेड़ दिया और उसके असभ्य व्यवहार को बताया तो ईनोवा कहने लगी "आजकल स्कूटर कुछ दिनों से ऐसा ही व्यवहार कर रहा है । क्या तुम नही जानती कि वह ऐसा क्यों कर रहा है" ?
"नहीं" ।
"जबसे कन्नौज और कानपुर में किसी इत्र के व्यापारी के यहां छापा पड़ा है और उसके घर, दीवारों, छत, तहखानों से जो नोटों की बरसात हुई है उससे उसका दिल दिमाग फिर गया सा लगता है"
"अच्छा ! मुझे तो पता ही नहीं था । फिर क्या हुआ" ?
"फिर ? लोग बताते हैं कि इतने नोट मिले कि नोट गिनने की कई सारी मशीन मंगवाई गई । लोग बताते हैं कि उसके यहां से लगभग 200 करोड़ नकद , 25 किलो सोना और सैकडों किलो चांदी मिली थी । बस, तबसे ही भाव बढ़ गये हैं स्कूटर के । कहता फिरता है कि उसके मालिक के पास इतना माल है जितना तो बड़े बड़े सेठों के पास भी नहीं होता है जो बड़ी बड़ी गाड़ी में चलते हैं । इसलिए अब वह अपने आपको वी आई पी से भी बड़ा मानता है । वह कहता है कि उसका मालिक इतना रईस होते हुए भी एक स्कूटर पर चलता है । बस, इसी बात से वह हवा में उड़ने लगा । अब तो वह भी अपने आपको किसी रईस से कम नहीं समझता है । इसीलिए वह सबको बदला बदला सा लग रहा है" ।
ओह ! तो ये बात है । और फिर ऑडी एक स्कूटर को पटाने के लिए चल पडी ।
