सी ए ए क्यों जरूरी
सी ए ए क्यों जरूरी


हमारे खूबसूरत देश हिंदुस्तान की आज सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विभिन्न जाति, धर्म आदि लोग चंद दूरी पर मिल जाते है।
हम बात caa की करते है यह क्यों जरूरी रहा जबकि भारत देश का नागरिक बनने के लिए कोई भी विदेशी व्यक्ति को, जो हमारे देश का नहीं है और हमारे देश में हमेशा रहना चाहता है तो उसको नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 में नागरिक होने के लिए कुछ शर्त दी गई थी जिसमे महत्वूर्ण एक शर्त 11 वर्ष तक रहना होगा भारत देश में। क्या ये शर्ते आज के समय में पर्याप्त थी। शायद नहीं थी क्यूंकि 1955 से हम 2020 के उस समय में आ गए है जो आज बहुत तीव्र गति से चल रहा है। ये कहना गलत नहीं होगा कि जो रोक गया वो जिंदगी की दौड़ से बाहर हो गया।
क्यूंकि जब तक आप नागरिक नहीं बनते सरकार की बहुत सी चीजों के लाभ से वंचित रहते है। पहले समय 11 वर्ष था इतने वर्ष आपको भारत में रहना होगा एक नागरिक की तरह और आज उसे केवल 6 वर्ष कर दिया गया। जिसमे मुस्लिमो के लिए 11 वर्ष ही रहा। बाकि अन्य धर्मो के लिए 6 वर्ष किया गया।
अब विधि के जानकारों का कहना कि ये संविधान के article 14 का voiletion करता है पर मै उन सभी लोगो से कहना चाहता हूं कि आप संविधान को महत्व देते हो बिल्कुल दीजिए क्यूंकि संविधान के बिना व्यक्ति का विकास नहीं हो सकता लेकिन क्या संविधान हज़ारों ,लाखों व्यक्तियों के दुखो का कारण बन सकता है जिनको धर्म के आधार पर शोषित किया जाता है। मात्र इसलिए कि वे काफिर है उनके साथ क्रूर देशों में अमानवीय व्यवहार किया जाता है, वे समाज के दबे कुचले हुए लोग, जों खुद सक्षम नहीं है अपना पेट पालने के लिए वे किसी का क्या शोषण करेंगे। जिनकी बहु ,बेटियों के साथ जबरन अन्य धर्म के साथ शादी करा दी जाती है या धर्म में परिवर्तन कराके छोड़ दिया जाता है। और भी विभिन्न यातनाओं का दुख उन मां बाप को झेलना पड़ता है। क्या यह सही है ?
बिल्कुल नहीं। अम्बेडकर जी ने भी इसलिए संविधान बनाया जिससे भारत में रहने वाले छोटे से छोटे और बड़े से बड़े सबको सम्मान मिल सके, उनके कर्तव्य और अधिकार भी। अगर आज वे होते तो वह स्वयं इसपर कानून बनाते लेकिन वे आज नहीं है गांधी ने स्वयं अपने मुख से कहा था ये भारतीय जब चाहे तब पाकिस्तान से भारत वापस आ सकते है तो उसके लिए क्यों विलाप करना दबे कुचले लोगो के विरूद्ध। क्या ये प्रदरशन वाले लोग चाहते है कि वे लोग अपना धर्म बदल ले और उनका शोषण होता रहे।
बात आती है कि ये चंद लोगो के लिए भारत ही क्यों और हिन्दुओं के लिए ही 6 वर्ष क्यों। तो उसके लिए हम सबको इतिहास में भी जाना होगा और 70 वर्ष पूर्व भी। जब यहां मुगल नहीं थे तब हिंदुत्व ही एक शब्द था बाद में अनेकों क्रूर शासक आए और किस तरह धर्मो का परिवर्तन हुआ यहां किसी से छुपा नहीं है लेकिन कुछ अच्छे शासक भी हुए जैसे दारा शिकोह। लेकिन इनको कोई याद नहीं करता याद कोई करता है तो औरंगजेब को। क्यूंकि लोगो को लगता है हमारी शान बढ़ेगी। लेकिन शान किसी की भलाई करने में मिलती है ना कि बुराई या शोषण में।
बाद में अंग्रेज आए जिनको भगाने में सभी धर्मो ने साथ दिया। जिससे शायद एक नारा निकला हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में सब भाई भाई।
लेकिन ये कहावत ज्यादा समय तक नहीं रुक सकी और 1947 में हिंदुस्तान , पाकिस्तान के विभाजित होने से हिन्दू, मुस्लिमो में एक आग सी लग गई। लेकिन कई मुस्लिमो ने हिंदुस्तान और कुछ हिन्दुओं ने पाकिस्तान को चुन लिया सोचा ये देश भी हमें प्यार देगा। लेकिन एक देश ने इतना प्रेम दिया की 3.5 करोड़ से आज लगभग 22 करोड़ एक धर्म हो गया लेकिन पाकिस्तान में 15% से आज 1.5% रह गई। कहा चले गए कोई नहीं बताता। तो क्या हम पाकिस्तान की तरह बन जाए नहीं बिल्कुल नहीं क्यूंकि हम मानवता की सेवा में ही विश्वास रखते है। और पूरा देश मानवता की सेवा में लगा है। इसलिए आज उनके लिए कुछ कर दिया गया जिसमें समय को 11 से 6 कर दिया तो क्या परेशानी हो गई। मुझे अभी तक नहीं समझ आया दोस्तो क्यों लोग caa का विरोध कर रहे है क्या वे चाहते है उनका शोषण होता रहे कभी वो अपने देश ना आ सके, अगर ऐसा है तो बहुत दुखद है।