श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
" अरे काका ! क्या बात है ? बड़ी चिंता में लग रहे हो ? "
" अरे नहीं बेटा ! चिंता नहीं । कुछ सोच रहा हूँ । "
" क्या सोच रहे हो काका ? "
" बेटा ! सोच रहा हूँ कि पिछली बार तो बड़ी श्रद्धा से ताली और थाली बजाई थी ,उसके बाद घर की रोशनी बुझाकर बड़ी श्रद्धा से नौ बजे नौ मिनट तक नौ दीये भी जलाए थे । सदी के महानायक भी यही सब किये थे लेकिन इस कमबख्त कोरोना ने उनको भी नहीं छोड़ा । अब चिंता इसी बात की है कि कहीं उनके बाद हमरा नंबर न लग जाए । "
" अरे नहीं काका ! अब जो हुआ सो हुआ ! अब पाँच अगस्त को राम जन्मभूमि पर प्रभु श्रीराम के मंदिर का भूमिपूजन है ! इस पवित्र दिन पर दिवाली मनाना न भूलना काका ! रामजी चाहेंगे तो कोरोना का अंत अवश्य होगा ! "
" हाँ बेटा ! सही कह रहे हो ! कोरोना महामारी के शिकार मृतात्माओं के लिए इससे अच्छी श्रध्दांजलि और क्या होगी ? "
