पति का बटुआ
पति का बटुआ
"पति का बटुआ मिला है आज" यह कहकर मीरा मंद ही मंद मुस्कुराने लगी।
कहाँ से?, मीरा की सहेली रज्जो ने पूछा।
कपड़े धोने लगी तो उनकी जींस की जेब से मिला, मीरा ने जवाब दिया।
क्या करोगी इसका?, सहेली ने पूछा।
मीरा ने झट से कहा, " वापिस देने पर इनाम लूँगी आखिरकार पति का बटुआ बचाया है। धो देती तो सारे नोट गीले हो जाते"
देख लेना कोई इनाम- विनाम नहीं मिलने वाला तुम्हें, सारे पति एक जैसे होते है, यह बोलकर मीरा की सहेली अपने घर चली जाती है।
पति के घर लौटने पर मीरा ने बटुआ देते हुए अपना इनाम लिया जिससे उसके दिल में अपने पति के लिए प्यार और बढ़ गया।
