परिंदा - एक नई उड़ान सपनो की

परिंदा - एक नई उड़ान सपनो की

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बारिश बंद हुई है आसमान में इन्द्रधनुष निकल आया है तभी किसी चिड़िया के चह्चहाने की आवाज आती है अरे ये और कोई नही मधु की आशा उस की गोरैया है |  

‘अरी मधु सुनती है क्या’’ हमेशा कि तरह दादी ने फिर मधु को पढाई से उठा दिया यह जानते हुए भी कि मधु की कल से वार्षिक परीक्षा शुरू होने वाली  है पर ..’ 
ले १०० रुपया और बाजार से २ किलो आलू २ किलो प्याज़ ले आ ‘’ ‘’ 
पर दादी कल से मेरी परीक्षा है  आप सागर से बोल दो ‘’|

‘’ ऐ लड़की मुझसे मुंह मत लड़ा ।  जा सीधे और सब्जी ले के आ क्या करेगी पढ़ लिख के ‘’
‘’ठीक दादी’’ बोल कर वो बाज़ार  चली गयी ।रास्ते पर उसे मास्टर जी की दुकान दिख गयी ‘’ आहा... स्वादिषट कचौरी की खुशबु आ रही है जरुर ये मास्टर जी की ही कचौरियां हैं ।मै एक कचौरी खा लेती हूँ वैसे भी सब्जी ६० रुपए की और एक कचौरी ५ रुपए का और उसके बाद भी ३५ रुपए तो बचेंगे ना |

दादी की डांट से अनजान वो कचौरी की दुकान पर जाती है भैया एक कचौरी तो देना ।
अरे मधु और क्या हाल है परीक्षा की तैयारी कर ली  ? पीछे से आवाज आई ।ये और कोई नही शिल्पा  थी मधु की घनिष्ट सहेली ।
अरे शिल्पा  तू यहाँ ? पढाई हो गयी ?
हां गणित क़ी पूरी तयारी हो गयी और तू बता यहाँ कैसे?

हाँ वो सब्जी लेने आई थी । दादी ने भेजा था। ये छोड़ तू बता नौवी में कोनसा विषय लेगी ?
अरे क्या पूछ लिया तूने अभी तो मेरा नौवी पढ़ना मुश्किल है मेरी दादी मेरी शादी करा रही है बड़ी मुश्किल से  आठवी तक पढने की अनुमति दी थी ।अब नौवी के बाद  क्या पता  मेरा क्या होगा । चल कचौरी गरम गरम निकल गयी खा ले ठंडी हो जाएगी।

अरे फिर तो इस मामले मैं मेरी दादी के विचार तेरी दादी से तो अच्छे ही हैं ।बात करते करते कब चार से पांच बज गए पता ही नही चला । अचानक मधु का ध्यान घड़ी की तरफ जाता हैं अरे बाप रे पांच बज गये दादी मुझे नही छोड़ेगी नहीं। बोलकर वो भाग कर घर  की तरफ जाती है  घर पहुच कर वो मंद मंद चल रही होती है तभी सागर चिल्लाता है
दादी आ गयी ये

सागर -  कंहा गयी थी?

मधु;- सब्जी लेने दादी ने भेजा था।

सागर :- उस बात को तो २ घंटे हो गये न?

 अन्दर दादी तेरी क्लास लेगी जा | दीदी जा ना ।

मधु ;- मैं तो  जाउंगी मुझे नही डर लागता।

तभी पीछे  से दादी माँ आई और फिर मधु पर चिल्लाने लगी - क्यों री लड़की! तू सब्जी खरीदने गयी थी कि उगाने ?   कल तेरी परीक्षा है ना ? जा के पढ़ ।
सॉरी दादी ये लीजिये पैसे । वो पैसे गिनती हैं तो 5 रुपया कम निकलता है 
क्यों लड़की मैंने तुझे 100रूपए दिये थे ना ये तो 35 रुपया ही हैं ?
दादी वो मैंने एक कचौरी खाली थी | क्यों खाई तेरा पैसा है क्या ?वो उसे धक्का देने वाली ही थीं  कि इतने मे किशोर यानि मधु के पापा ऑफिस से आ जाते  हैं ।
रुक जाओ अम्मा आपकी ही पोती है | पापा ! बोलकर वो किशोर के गले लग जाती है ।वो कमरे में जाती हैं उसकी माँ बोलती हैं बेटी कल तेरी परीक्षा हैं ना  थोडा सा पढ़ ले ।रोटी मैं बना लूंगी  ।
ठीक है माँ 
अगले दिन मधु गणित का पेपर देने जाती है और भगवान की कृपा से उसका इन्तिहान अच्छा जाता है। परीक्षा हॉल के बाहर उसे शिल्पा  मिलती है

अरे मधु तू आई नही कल मेरे घर ?
हाँ वो थोड़ी व्यस्त थी आउंगी  कल 3:00 बजे ।ठीक है आना शिल्पा  ये कहकर साइकिल से घर की ओर चल दी । यहाँ  मधु भी पैदल पैदल घर को चली आई। सुबह हो गयी पर आशा गोरैया बड़ी बेचैन है जैसे पिंजरे को तोड़कर आस्मां में उड़ना चाहती हो पर दादी माँ ने छः महीने से उसे कैद कर के रखा  है। मधु से यह  देखा ना जाता था। उस दिन उसने उसे वादा कर दिया आशा एक दिन मैं  तुझे आजाद जरुर करके रहूंगी ।आशा तेरे लिए मैं एक आशा की किरण बनूँगी ।अरे 2:30 बज गये मुझे शिल्पा  के घर जाना है वरना दादी फिर पकड़ के कुछ काम करवा लेंगी ।उसने दबे पांव जाने की कोशिश की पर जब वो शिल्पा  के घर पहुंची तो उसने देखा कि शिल्पा  के घर का माहौल  कुछ ठीक न था | हो भी क्यों ना  ! उसके पिता गरीब किसान जो थे, फिर ये विचार आया कि उसकि माँ भी ज्यादा नही पढ़ी थी फिर भी वो उसे पढाना चाहती थी शिल्पा  को उसकि दादी का डर था तो फिर वो भी क्या कर पाती।

अरे बेटा तुम, मैं शिल्पा को बुलाती हूँ।

नही आंटी मुझे आपसे और अंकल से बात करनी है।

हमसे ?

हां, अंकल शिल्पा बहुत होशियार हैं वो वकील बनना चाहती है देखना वो हमारी क्लास मे मुझे भी पछड़ देगी,  टॉप करेगी |

हां बेटा | जरुर पर हम इतने सक्षम नही हैं कि उसे शहर  भेज कर  पढ़ा सकेँ । नौवी के बाद तो प्राइवेट स्कूलों की फीस बहुत ज्यादा हैं ऊपर से शहर पहुंचाना......

 नहीं | हम नही कर पायेगें बेटा तेरे पापा तो जमींदार हैं तेरी बात अलग है । नही बेटा हम नही कर पाएंगे ।

वो निराश होकर जा रही थी पता नही उसके दिमाग में क्या आया वो भागती हुई घर कि तरफ गयी और उसने आपने पापा को इस बारे में बताया तो उसके पापा ने कहा कि हमलोग अगर उस की फीस भर दें तो तो वो नौवीं दसवीं भी पढ़ लेगी । हां पर उसके पापा मानेंगे? शायद नहीं। मधु उसके पिता के कान में कुछ फुसफुसाती है  वो  शिल्पा को खेलने के बहाने अपने घर बुलाती है और उसे पूरी योजना बताती है। वो बोली यह कईसे हो सकता है ?तेरे पापा मेरी फीस क्यों भरेंगे ? वो तो मेरे पापा तेरे पापा से बात कर लेंगें। बोलकर वो मंद मंद मुस्कुरा कर अपने घर को चली आई और पढ़ने लगी । आज उसका पढाई मैं बहुत मन लगा अब किसी  ने आकर उसे डिस्टर्ब भी नही किया । लगभग 11;30 बजे तक मधु पढ़ती रही फिर थकने के बाद सो गई  । कल उसका रिजल्ट है वो बहुत बेताब है अपना परिणाम देखने के लिए। सुबह सुबह वो बिना दादी के बोले ही भगवांन की आरती करने लगती है आज वो बहुत  उत्साहित थी क्योकि आज उसका रिजल्ट था और  आज शिल्पा कि पढाई का भी निर्णय होना था। स्कूल में लिस्ट लग चुकि थी।

 अरे वाह शिल्पा ने तो पुरे स्कूल में टॉप किया है वहीं मधु 2nd आई है। वो दोनों खूब खुश थी घर जा रही होती हैं तभी किशोर शिल्पा के पापा यानि  नंदकुमार से बात करना शुरू कर देते हैं-

किशोर:- अरे नंदकुमार मेरी बेटी बता रही थी कि तुम शिल्पा को आठवीं के बाद नही पढ़ा रहे हो?

नंदकुमार:- हाँ किशोर जी मैं इतना सक्षम नही हूँ कि उसे  शहर भेजूं पढने और तो और आवीं के बाद प्राइवेट स्कूल की फीस बहुत ज्यादा है  ऊपर से शहर भेजने का  खर्च मुझसे नही हो पाएगा । इसकी शादी के लिए भी पैसे इकट्टा करने हैं  ।

किशोर: अगर इसकी  फीस मैं दे दूँ तो ?

नंदकुमार:- पर मैं इतने पैसे नही चुका पाउँगा ।

किशोर अरे वो तो तुम तब दे दे देना जब तुमारी बेटी कमाना शुरू  देगी।

नंदकुमार:- आपका बहुत आभार। बेटा शिल्पा खूब मन लगाकर पढ़ना ।

शिल्पा :- बिलकुल पापा थैंकयू।

 उसके  बाद वो दोनों  साइकिल से शहर के स्कूल पढने जाने लगीं और लोटते वक्त मास्टरजी की कचौरी खाया करती थीं।

 समय बीतता गया नौवी मैं दोनों ने 95% लाकर अपने स्कूल मैं टॉप किया और उसके बाद दसवी सी.बी.एस.सी में 10 cgpa लाकर पूरे संभाग मेंप्रथम आई। उसके पापा बहुत खुश थे । उन्होंने पूरे मोहल्ले में मिठाई बाँटी। शिल्पी और मधु को सरकार द्वारा 1-1 लाख रुपया प्रदान किया गया । शिल्पा को सरकार द्वारा कैलिफोर्निया लॉ की पढाई करने के लिए भेज दिया गया। यहाँ मधु अकेली रह गयी।

उसकी इच्छा हुई कि वो आई.आई.टी की तैयारी के लिए जाये पर एक चिंता उसे सता रही थी.।। वह अपने पिता के पास गयी और उनसे अपनी इच्छा बताई । वे सहमत थे पर दादी माँ ने साफ़ शब्दों में बोल दिया लड़की है इसे तो चूल्हा सिखाओ पढ़ा लिखा कर कोई अफसरनी नहीं बन जाएगी |पहली बार मधु ने उंची आवाज़ में दादी से बात की-आप क्यूं लड़की लड़के में भेद करती हो ? मैं पढ़ना चाहती हूँ मझे इंजिनियर बनना है।  ये सब सुनने के बाद दादी ने मधु को डांट दिया ।मधु बहुत गुस्से में आ गयी और अपने कमरे में  जा कर रोने लगी और अपने आप को एक गोर्रैया  की तरह महसूस करने लगी जिसके पास पंख तो हैं हैं उड़ने के लिए लेकिन पिंजरे में बंद है। तभी. उसे आशा गोरैया  की ची ची चूं चूं सुनाई दी ।उसे अपना वादा याद आया । वो तुरंत बाहर गयी और आशा गोरैया का पिंजरा खोल उसे कहा कि -आशा उड़ जा। चली जा इस नरक से कहीँ दूर जहां  तुझे कोई न कैद कर पाए। आशा ने बहुत उड़ने का प्रयास किया लेकिन  वो उड़ न सकी  क्योकि इतने सालो से वो उड़ी नही थी। करीब 2 घंटे कोशिश करने के बाद वो उड़ गयी। क्योकि ये उस परिंदे की  आजादी की पहली उड़ान थी मधु सोचने लगी क्या उसके सपनो को उड़ान मिलेगी? उसके दिल से आवज़ आई हां मैं भी उडूंगी  तभी लोगो के लिए मिसाल बनूँगी  ।वो अपने पापा से अनुमति ले चल पड़ी और बिना किसी कोचिंग के  पहले ही प्रयास में वो स्टेट टापर बन गई ।उसका एडमिशन आई.आई.टी खड़गपुर में हो गया। उसके बाद तो बहुत आगे गयी और देश की  सर्वश्रेष्ठ  आई.ए.एस अफसर बनी | जब वो ट्रेनिंग के बाद घर लौटी  तब उसकी दादी ने रोकर उसे गले लगा लिया और सिर्फ दो शब्द कहे शबाश बेटा  ! अब तो जिस कोने में दादी जातीं सब कहते वो देखो आई.ए.एस मधु की दादी आ रही हैं। और मधु ने अपने भाई सागर  को भी पढ़ा लिखा कर काबिल बना दिया  । सागर ने गाँव में  एक स्कूल  खोला जहा निशुल्क  12वीं तक की शिक्षा प्रदान करी जाती ।उस विद्यालय को उसने नाम दिया “उड़ान हायर सेकेंडरी स्कूल”। अब वो एक कॉलेज खोलना चाहता है  मधु ने अपने गाँव में जो  जो मुहिंम चलाई वो आज लाखो लड़कियों  के लिए मिसाल है। यहाँ  शिल्पा भी एक बहुत बड़ी वकील बनी  दोनों ने सिर्फ  एक ही बात कही।               
'शुक्रिया हमारे दिल के परिंदो को उड़ान देने के लिये '


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