Vimla Jain

Tragedy Action

4.3  

Vimla Jain

Tragedy Action

प्रेम परीक्षा, धोखे का तड़का

प्रेम परीक्षा, धोखे का तड़का

10 mins
113


आज सब सहेलियां इकट्ठी होकर पार्टी में जा रही थी।

 ऑफिस का कोई प्रोग्राम था हर कोई बहुत खुश था ।

जैसा की सहेलियों में हमेशा चलता रहता है गॉसिप वैसा ही गॉसिप चल रहा था ,कोई किसी की उड़ा रहा था,

 कोई किसी के लिए बुरा भला बोल रहा था।

 जो सामने नहीं होता उसकी बुराई चालू हो जाती है ऐसा ही उन लोगों में हो रहा था।

 आज निशि कुछ उदास उदास थी। 

उसे समझ में नहीं आ रहा था थोड़े दिनों से निशांत को क्या हो गया था वह ढंग से बात भी नहीं करता था।

उसने उससे बात करने की कोशिश भी करी की क्या बात है मगर वह चिड़ा चिड़ा रहता था उसको कोई बात समझ में नहीं आ रही था। 

घर में बच्चे बड़े-बड़े हो गए थे सब अपने-अपने काम में लग चुके थे वह घर में बहुत अकेली पड़ गई थी।

 क्योंकि वह अपने पति को बहुत प्यार करती थी इसलिए शक करने का तो सवाल ही नहीं होता।

मगर जब आज ऑफिस की पार्टी में गई तो उसने देखा कुछ लोग उसकी तरफ इशारा करके गॉसिप कर रहे थे ।

उससे रहा नहीं गया उसने उन लोगों के पास में जाकर पूछा तुम मुझे इशारा करके मेरे बारे में क्या बात कर रहे हो सब लोग चुप हो गए।

मगर उसकी खास सहेली रमा उसको एक तरफ ले जाकर के बताती है आजकल तेरा पति एक स्टेनो के चक्कर में पड़ गया है।

 दिन भर ऑफिस में उसके आगे पीछे घूमता रहता है, कभी कैंटीन ले जाता है दोनों हंसीठिठोली बातें करते रहते हैं‌। कभी कैंटीन जाते हैं, कभी शॉपिंग जाते हैं, कभी ऑफिस टाइम में पिक्चर देखने जाते हैं। तेरा पति तो पूरा टाइम उसी को देता है। 

ऑफिस में भी उसका ध्यान नहीं है ,यह सुनकर उसके पांव तले जमीन खिसक जाती है। उसे समझ में नहीं आता यह कब हो गया।

 उसको विश्वास ही नहीं होता कि ऐसा भी हो सकता है।

 वह बोलती है क्या वह लड़की आज यहां आई है।

 रमा बोलती है हां चल मैं तेरे को उससे मिलाती हूं। 

उसकी फ्रेंड रमा उस लड़की के पास जाकर बोलती है।

 तुम्हारा नाम क्या है तुम ऑफिस में नयी आई हो।

 वह बोलती है हां मेरा नाम डोली है मैं अभी एक महीना पहले ही ऑफिस में आई हूं। यह ऑफिस बहुत अच्छा है, यहां सब लोग मेरा बहुत ध्यान रखते हैं और बास तो मेरे बहुत ही अच्छे हैं ,मेरा बहुत ध्यान रखते हैं।

 अब निशि समझ जाती है कि उसके पति का इस लड़की के साथ कुछ ना कुछ चक्कर चल रहा है उसका मन शक करने का नहीं कर रहा होता।

 मगर इस लड़की को देखकर उसकी बातें सुनकर उसकी मन विचारों में खो जाता है। 

तभी डोली बोलती है कभी आप मेरे घर आओ उसको तो यही चाहिए होता है निशि बोलती है हां क्यों नहीं तुम पता दे दो हम एक-दो दिन में तुम्हारे घर आते हैं।

 फिर इधर-उधर की बातें करके वह वहां से निकल जाती है। 

दूसरी सहेलियों के साथ गप्पे मारने लग जाती है।

 वह और रमा मिलकर उसको सबक सिखाने का सोचते हैं उसके साथ ही में वह अपने पति को भी सबक सिखाना चाहती है ।

25 साल की गृहस्थी में तुमने अब जाकर मुझे धोखा दे दिया मैं तो समझती थी अपना प्यार जीवन भर का है मगर तुम कब गुलाट मर जाओ यह कह नहीं सकते।

 यह सोचते सोचते हुए भी पार्टी में मजे करती है, विचार भी करती है कि सबक कैसे सिखाऊँ उसकी सहेली और वह मिलकर प्लान बनाते हैं। 

दूसरे दिन वह अपने पति से बात करती है।

 थोड़ा जल्दी आया करो, थोड़े पैसे दे दो, अपन घूमने चलते हैं।

 तो वह उससे लड़ने लगता है साथ में बोलता है तुम मेरा पीछा छोड़ क्यों नहीं देती हो, क्यों हर समय मेरे से लड़ती रहती हो।

 वह बोलती है मैंने तो कुछ कहा ही नहीं ,

खाली घर के खर्च के लिए पैसे मांगे हैं और समय से घर आने को बोला है। 

मगर कहते हैं ना चोर की दाढ़ी में तिनका वह इस बात से भी भड़क जाता है।

 मेरे पास पैसे कहां है, मेरे पैसे खर्च हो गए थोड़े से रुपए देता है बोला इससे काम चलाओ। मेरे को ऑफिस में बहुत काम है इसलिए मैं जल्दी घर नहीं आ सकता ।

वह बोलती है ठीक है मैं ही आज ऑफिस आ जाती हूं।

 वहीं से अपन दोनों सामान खरीदने चलेंगे, थोड़ा बाजार भी चलेंगे होटल में खाना खाएंगे।

 आज बच्चे भी घर पर नहीं है दोनों अपने-अपने ऑफिस से ऑफिस की पार्टी में जाने वाले हैं । 

अब तो निशांत के पैरों तले जमीन खिसक जाती है।

 वह सोचता है अगर यह ऑफिस आई तो मेरा भांडा फूट जाएगा। 

मैंने तो डोली के साथ सारा प्रोग्राम बना रखा है आज घूमने जाने का, पिक्चर जाने का।

 और यह बीच में कहां से आ टपकी।

मगर उसको कुछ का पता उससे पहले ही निशा चुपचाप निशांत फोन उठाकर मुझे काम है कर बाहर निकल जाती है।

वह अपना फोन ढूंढता ही रह जाता है और नहीं मिलता तो समय से ऑफिस चला जाता है। 

डोली को सूचित नहीं कर पाता की प्रोग्राम में बदलाव आया है।

ऑफिस जाकर डोली को कुछ भी कह पाता उससे पहले ही ऑफिस में उसकी कंपनी का मालिक आ जाता है और ऑफिस के काम के लिए थोड़ी डांट लगाता है ।

उसको 5-7 दिन के लिए कोई टुर पर भेजने का ऑर्डर देता है।

मालिक के आदर सत्कार में ही टाइम निकल जाता है।

 शाम को वह डोली के साथ में नाश्ता करने कैफेटेरिया में जा रहा होता है तभी उसकी पत्नी आ जाती है। 

उसको देखकर वह डोली को कुछ बहाना बनाकर भगा देता है।

निशि को कहता है यहां से घर चलो मुझे कल ऑफिस के काम से 5, 7 दिन के लिए बाहर जाना है।

निशि को अपनी योजना को पूरा करने का अवसर  मिल गया।

 वहउसके जाने की तैयारी करने लगी ।

बातों बातों में उसने उससे पूछा तुमने ऑफिस में से टूर पर जाने की बात कितने लोगों को बताई तो वह सब पका गया। उसे ध्यान आया कि अरे मैंने डोली को तो यह बात बताई ही नहीं, वह मेरा इंतजार ही करती रह गई।

 अपना फोन ढूंढने लगा मगर फोन तो उसे मिला ही नहीं। उसने अपनी पत्नी को फोन ढूंढने को कहा और कहा मैं सो रहा हूं ।

फोन चार्ज करके यहां रख देना सुबह चाहिएगा और सो जाता है।

निशि उसके फोन को अनलॉक करके सारे मैसेज पढ़ लेती है और उसको समझ में आ जाता है कि यह लड़की भी इसको लूट ही रही है अपने प्रेम जाल में फांस के इसको तो अच्छा सबक सिखाना चाहिए।

 क्योंकि यह भी कोई दूध की धूली नहीं लगती।

दूसरे दिन जैसे ही निशांत घर से जाता है। वह अपने बच्चों को बोल कर काम है आने में देर होगी तुम अपना नाश्ता खाना कर लेना चली जाती है साथ में अपनी फ्रेंड को भी फोन करती है और उसको भी डोली के घर आने को बोल देती है।

वहां जाकर वह डोली से पहले तो मीठी-मीठी बातें करती है। फिर उससे पूछताछ करती है। तुम्हारी जिंदगी में कोई है क्या तुमने अभी तक शादी नहीं करी।

 डोली बोलती है मैं शादी थोड़े दिनों में करुंगी।

 मैं एक लड़के को पसंद करती हूं और हमारी सगाई हो चुकी है।

 अब तो निशि को और भी झटका लगा कि यह तो डबल गेम खेल रही है।

किसी ने बोला मुझे लगा कि तुम अपने बॉस के साथ में शादी मानने वाली हो क्योंकि तुम तो उनके साथ ही रहती हो दिन भर।

तो वह बोलती है मैं क्यों बुड्ढे बॉस के साथ में शादी मनाऊंगी वह तो खुद ही शादीशुदा है।

 दो बच्चों का पिता है बच्चे भी बड़े-बड़े हैं दोनों नौकरी करते हैं मैं 25 साल की वह 50 साल का मैं कैसे शादी बन सकती हूं। तो निशि बोली अगर तेरे को शादी नहीं करनी है तो तू उसके आगे पीछे क्यों घूमती रहती है। कभी उसको घर बुलाती है उससे महंगे महंगे तोहफे लेती है। 

जरूरत पड़ने पर उसके पैसे भी मांगती है।

 यह कपड़े भी तुमने उसी के पैसे के पहने हुए हैं।

डोली बोलती है अगर मैं बॉस को पटाऊंगी नहीं, चमचागिरी नहीं करूंगी,

 उसके साथ घूमने फिरने नहीं जाऊंगी तो मुझे इतने महंगे महंगे तोहफे कहां से मिलेंगे, होटल में खाना खाने से मेरा पैसा बच जाता है।

 समय-समय पर उसे पैसा चांप लेती हूं।

 यह सब तो इस हाथ ले और उस हाथ दे वाली बात है। 

मैं उसको कंपनी देती हूं वह मेरे को प्रमोशन देगा 

मेरे प्रमोशन का जरिया बनेगा और मेरे ऊपर पैसा लुटाएगा ऐसे लोगों के लिए तो ऐसा ही होना चाहिए।

अब तो निशि को बहुत जोर से गुस्सा आता है।

 उसको दो थप्पड़ लगाती है। बोलती है आदमी लोग तो है ही फिसलने मगर तुम लड़कियां भी कम नहीं हो।

 इतनी चालाक और इतनी लालची किसी का भी घर बर्बाद करने में तुमको देर नहीं लगती है।

 तुमने कभी उस बास की पत्नी और उसके बच्चों के बारे में सोचा है लगी उसको फंसाने। थप्पड़ खाकर उसका दिमाग एकदम चकरा गया ।

उसने कहा आपने कहा इसलिए तो मैंने सब बताया है आप हैं कौन।

 निशि बोलती है मैं तुम्हारे बॉस की पत्नी हूं थोड़े दिनों से मुझे लग रहा था इतने सालों की जिंदगी में कभी ऐसा नहीं हुआ और एक महीने से यह बदलाव क्यों आया ।

अब मुझे समझ में आया कि उसका कारण तुझ जैसी नागिन है।

 जिसका डसा पानी भी नहीं मांगता।

 तूने मेरा घर उजाड़ने की कोशिश करी है खैर मैं घर को उजाड़ने नहीं दूंगी क्योंकि मुझे तेरी असलियत पता लग गई है। अब तेरी भलाई इसी में है कि तू जल्दी से यह नौकरी छोड़कर यहां से चली जाए ,

नहीं तो मैं तुझे नौकरी से निकलवाऊंगी और ऐसा करवाऊंगी की तेरे को कहीं पर नौकरी ना मिले ।

क्योंकि इस कंपनी का मलिक मेरी पहचान वाला है।

यह सुनकर वह बहुत डर गई और निशी ने उसको बोला तू अभी के अभी नौकरी छोड़ने के लिए इस्तीफा दे अगर तूने इस्तीफा नहीं लिखा तो मैं तेरे को अभी की अभी नौकरी से निकलवा दूंगी।

 वह बहुत डर जाती है और अपना इस्तीफा लिखकर उसी समय कंपनी के मालिक को मेल कर देती है और उधर से मंजूर करने का पत्र भी आ जाता है।

फिर उसको बोलती है तेरे को अभी की अभी यह मकान खाली करना पड़ेगा नहीं तो मैं मकान मालिक को बोल कर तेरे बोरिया बिस्तर बाहर फिकवा दूंगी।

तू इस बारे में मेरे पति को कुछ नहीं कहेगी।

क्योंकि मैं उसको संभाल लूंगी।

और उन दोनों ने उसको उसी समय सामान सहित घर से बाहर निकाल दिया।

 बोला तेरे जहां जाना है जा मगर तू यहां नहीं रहेगी नहीं तो हम तुझे कहीं का भी नहीं छोड़ेंगे।

 इस तरह उन दोनों सहेलियों ने कोशिश करके धाक धमकी से उसको घर से बाहर निकलवा दिया।

वह अपना सामान लेकर अपने घर चली गई और सोचने लगी क्या सोचा था क्या हो गया।

निशि ने डोली से जो बात हुई थी वह भी सब रिकॉर्ड करके रख ली थी।

चार-पांच दिन बाद निशांत घर आया।

 घर पर ताला था।

तभी पड़ोस में से एक लड़का आया उसने एक चिट्ठी उसको पकड़ाई और घर की चाबी दी।

और भाग गया।

उसके कुछ समझ में नहीं आया कि मेरी पत्नी तो कभी-भी जाती नहीं है ।

 कुछ भी कहे बिना आज कहां चली गई।

 बच्चे भी दोनों घर पर नहीं है फिर उसको पत्र का ध्यान आता है तो पत्र पढ़ता है।

 पत्र में उसकी पत्नी ने लिखा होता है मैं तो तुमसे बहुत प्यार करती थी और सोच रही थी तुम भी मुझसे बहुत प्यार करते हो ।

मगर तुम्हारे प्यार में दाग लग गया है, तुमने मुझे धोखा दिया तुम मेरे प्यार की परीक्षा में सफल नहीं हुए।

 जिंदगी के इस मोड़ पर आकर तुम मुझे धोखा दिया मुझे अंधेरे में रखा यह मुझे मंजूर नहीं।

बच्चे भी बड़े-बड़े हो गए है। उनकी शादी का समय है और तुम रासलीला रचाओ यह नहीं चल सकता। 

अब मैं इस घर में तभी आऊंगी जब मेरे बच्चों की शादियां होंगी तो मैं उनके साथ रहने आऊंगी। मगर मुझे तुम्हारे साथ रहना मंजूर नहीं।

क्योंकि तुम मेरी प्रेम परीक्षा में सफल नहीं हुए असफल हो और उड़ता पंछी हो।

 आज मैं तुम्हें माफ भी कर दूं कल कोई दूसरा आएगा और तुम उसके ऊपर उसके पीछे दौड़ोगे जो मुझे बराबर नहीं लग रहा।

 अब मेरा भरोसा टूट गया है। यह सब पत्र पढ़ कर साथ में पेन ड्राइव भी रखा होता है उसकी लैपटॉप में लगाकर सुनता है ।

उसको सारा माजरा समझ में आ जाता है ।

मगर अब अफसोस करने से वह क्या कर सकता है ।

उसने अपनी पत्नी को धोखा दिया एक महीने पहले आई स्टेनो की सच्चाई भी उसको पता लगी।

 मगर अब क्या हो सकता है अब पछताए क्या होता है जब चिड़िया चुग गई खेत।

दोनों बच्चे भी घर आकर अपने पापा को बहुत कोसते हैं। 

और हमको आपके साथ नहीं रहना है, हम दूसरा घर देखेंगे। हम अपने ऑफिस के फ्लैट में चले जाते हैं कहकर दोनों अपने-अपने समान उठा कर रवाना हो जाते ।

आज निशांत को अपने आप पर बहुत शर्म आ रही थी जिंदगी के 25 साल अच्छे से निकलने के बाद में एक महीने पहले की फिसलन ने उसकी जिंदगी को अंधेरे से भर दिया है गलती पर बहुत पछताता हैं। सोचता है मैं अपनी पत्नी से माफी मांग कर वह कहे जो करके उसको घर लेकर आऊंगा।

 मगर कहते हैं ना जिंदगी में एक बार गांठ पड़ जाए तो जिंदगी बहुत मुश्किल हो जाती है और यहां तो प्रेम परीक्षा में असफल रहने वाले पति के साथ अब पत्नी कैसे रहेगी आप ही बताइए।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy