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Neelam Sharma

Inspirational

4  

Neelam Sharma

Inspirational

प्रायश्चित

प्रायश्चित

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"सात वर्षीय भार्गव ने अपनी माँ से पूछा, माँ शिष्टाचार क्या होता है? "माँ ने बहुत ही प्यार से भार्गव की ओर देखा और कहा "सभी के साथ प्यार व सम्मान से बोलना, ऊंची आवाज में बात न करना, अभिवादन करना ये सब शिष्टाचार है बेटा!"

"और माँ क्या ये सबके लिए अलग- अलग होता है?"

" नहीं, बेटा!" नीरा ने प्यार से बेटे के बालों को सहलाते हुए कहा।

"और क्या ये सब बच्चों को ही करना होता है बडो़ को नहीं?" नीरा अपने शब्दों को लम्बा खींचती हुई "बोली अरे.......... नहीं नहीं बेटा ये सभी के लिए होता है|"

" तो आप दादी से रोज क्यों ऊंची आवाज में बोलती हैं और लड़ती हैं." इस अप्रत्याशित प्रश्न से नीरा का चेहरा फक पड़ गया। उसने पश्चाताप के आंसू लिए मांजी की ओर देखा।


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