कसम
कसम
"तुम समझती क्यों नहीं हो? मैं तुम्हारी कोई कसम नहीं खाऊंगा। मैं जो कह रहा हूं, सच कह रहा हूं ,तुम्हें विश्वास करना है तो करो, नहीं करना है तो मत करो। बार-बार मुझसे एक ही बात मत किया करो। दो साल हो गए तुम दो चार दिन ठीक रहती हो और फिर दो दिन बाद तुम्हारे वही प्रश्न। तुम्हें क्या हो जाता है? तुम्हें खुद पर विश्वास नहीं,या मुझ पर विश्वास नहीं।" झल्लाते हुए निधि से सागर ने कहा। निधि रुआंसी होकर बोली "पर तुम्हें एक बार कसम खाकर बोलने में क्या समस्या है?" आखिरी के शब्द आंसुओं से गला अवरूद्ध हो जाने के कारण वह स्पष्ट भी बोल नहीं पायी। सागर को उस पर इतना गुस्सा आ रहा था कि उसने उस पर ध्यान नहीं दिया, और वहां से चला गया।
अभी दो ही साल हुए थे निधि और सागर के विवाह को दोनों बहुत प्यार से रह रहे थे पर एक दिन सागर के ऑफिस का एक सहकर्मी उनके घर आया । बातों _बातों में उसने कहा पहले सागर ऑफिस में एक महिला सहकर्मी से विवाह करना चाहता था| लेकिन फिर किसी वजह से दोनों का विवाह हो नहीं सका। तब सागर ने निधि को बता भी दिया था वह विजातीय थी और पिताजी ने अपनी जाति से बाहर शादी करने से मना कर दिया था |इसलिए मैंने या विचार छोड़ दिया था ।लेकिन उसी दिन से निधि के मन में यह शक का कीड़ा हो गया था कि सागर अभी भी अपनी सहकर्मी महिला से प्यार करता है। बहुत बार सागर ने निधि को समझाया कि ऐसा नहीं| बहुत बार उसने उसकी कसम भी खायी। लेकिन फिर थोड़े दिन बाद निधि उसी सवाल पर आ जाते थी। क्या तुम मुझसे प्यार करते हो? क्या तुम उससे मिलते हो, अब उसके प्रश्नों से दुखी होकर सागर ने उसकी बातों का जवाब देना ही बंद कर दिया था। उसने साफ-साफ कहा विश्वास करना है तो करो। वरना मैं कसम नहीं खाऊंगा। सागर निधि से बहुत प्यार करता था| लेकिन जब उसने कसम खाने से मना कर दिया। निधि को लगा वो उसकी झूठी कसम नहीं खा पा रहा है और फिर उसका शक और भी मजबूत हो गया कि वह अभी भी उस सहकर्मी महिला साथी को चाहता है। निधि ने मन ही मन उसे छोड़ने का फैसला कर लिया था।
सागर ऑफिस चला गया तो वह भी अपना कुछ सामान लेकर मायके चली गई ।शाम को सागर आया | निधि को घर पर न पाकर उसने सोचा हो सकता है,कहीं पड़ोस में हो या सहेली के घर गई हो, थोड़ी देर में आ जाएगी। लेकिन जब रात होने लगी और निधि का कुछ पता ना चला तो वह घबरा गया। उसने तुरंत उसे फोन लगाया पर उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। अब उसे समझ नहीं आया कि उसके मायके में फोन करे या न करे। यदि वह मायके नहीं गई होगी और उन्होंने पूछ लिया क्या हुआ तो क्या जवाब देगा? थोड़ी देर बाद उसने निधि को फिर फोन लगाया।और इस बार फोन निधि के भाई ने उठाया|सागर ने कहा "हैलो निधि बिना बताए तुम कहां हो?"
"जीजा जी दीदी ने बताया था जीजा जी टूर पर गए हैं, और आप घर पर हैं।" सागर ने कुछ नहीं कहा। ठीक है ।फोन रख दिया ।उस रात वह भूखा ही रहा।और और सोचने लगा वह कसम खा लेता ।तो क्या था । पर रह निधि की इस आदत को सुधारना चाहता था । उसने सोचा दो-तीन दिन बाद यदि खुद ही आ जाएगी जब उसका गुस्सा शांत हो जाएगा। लेकिन एक हफ्ता बीत गया। निधि नहीं आईं। उसने फिर निधि को फोन लगाया। फोन नहीं उठाया, उसने बहुत मैसेज किए लेकिन उसने मैसेज का भी जवाब नहीं दिया। सागर कुछ टूट सा गया उसने सोचा कि ऐसा न होकि धीरे-धीरे बात बिगड़ जाए। वह भी निधि से बहुत प्यार करता था।
निधि भी उससे बहुत प्यार करती थी,,वह जानता था | लेकिन कभी-कभी जिद के कारण रिश्ता खत्म हो जाता है। उसने सोचा, कल निधि को वापिस लेकर आएगा लेकिन अचानक उसे ऑफिस के काम से बाहर जाना पड़ गया। और वह निधि को लेने नहीं जा पाया ।और इस प्रकार बीतते_बीतते पूरा एक महीना बीत गया ।सागर को गुस्सा आया उसके लिए वह कितना परेशान है ।उसकी चिंता कर रहा है पर उसने कोई जवाब नहीं दिया। अब वह भी नहीं देगा।एक महीना बीत जाने पर निधि भी बहुत बेचैन हो रही थी। वहभी सागर से बहुत प्यार करती थी।वह जानती थी कि सागर झूठ नहीं बोलते हैं। फिर भी पता क्यों? वह जिद कर बैठी। और अब उसे वापस जाने में उसका अहम टकरा रहा था। कि सागर समझेगा उसके बिना रह नहीं पाती ।वह अब क्या करें। अब दोनों अपनी अपनी जगह एक दूसरे को याद कर रहे थे। अपनी अपनी जिद के कारण अपनी गलती पर पछतावा रहे थे। और झट से दोनों ने एक दूसरे को फोन लगाया।बार बार फोन बिजी आ रहा था। थोड़ी देर बाद निधि ने फोन लगाया "मैं कल आ रही हूं।"
" ठीक है पर मैं कसम नहीं खाऊंगा।"
"मत खाना मेरी कसम" निधि ने हंसते हुए कहा"पर मुझसे प्यार तो करते हो न ।"
"हां भई हां।"ये कह सागर भी जोर से हंस दिया।
