पेड़ जीवन है
पेड़ जीवन है


एक बूढ़ा जो बहुत लालची था। उसके साथ उसकी पत्नी भी रहती थी। उसके घर के पीछे बहुत सारे पेड़ थे और आगे बहुत बड़ा कोएला कंपनी था। उस बूढ़े की उमर 70 बरस थी और बूढ़ी की उमर 65 बरस थी। बूढ़ी को दम्मे की बीमारी थी। उसे पेड़ो से बहुत प्यार था। एक दिन कोएले कंपनी के मालिक ने उसके पीछे वाले ज़मीन को खरीदने का सोचा। उस बूढ़े को मालिक ने 50 लाख रूपये देना चाहा। बूढ़े ने अपनी पत्नी को बताया तो उसकी पत्नी ने मना कर दिया। लेकिन लालची बूढ़े ने अपनी पत्नी की बात नहीं मानी और ज़मीन को बेच दिया।
कुछ दिन बाद उसकी पत्नी का देहांत हो गया। क्योंकि पेड़ो ने उसकी जान बचा कर रखी थी। लेकिन जब पेड़ो को काटकर उसी जगह पर कोएले की कंपनी बन गयी तो उस बूढ़ी की दम्मे की बीमारी बढ़ने लगी और उसे ताज़ा हवा नहीं मिलने के कारण देहांत हो गया। लालची बूढ़ा अकेला रह गया। जीवित पेड़ो को उसने मारा जिसके कारण उसकी पत्नी मर गयी। लालच के कारण उसने अपनी पत्नी को खोया। कुछ दिन के बाद दम्मे की बीमारी से बूढ़ा भी मर गया।
पेड़ हमे जीवन देते है तो हम सब अपने स्वार्थ के लिए उनको क्यो मारते है। सोच कर देखिए।