मुक्ति
मुक्ति
रोहन और रीमा एकदूसरे को बहुत प्यार करते थे। अचानक से रोहन के स्वभाव में इधर कुछ दिनों से परिवर्तन दिख रहा था। रीमा ने नोटिस किया आपसी दूरियों को।उसे पता चला कि रोहन किसी और को भी डेट कर रहा है।रीमा को धक्का पहुँचा।उसकी बहस हुयी।रोहन ने कहा ऐसा वैसा कुछ नहीं है।बहस बढ़ती रही और जैसे तैसे रिश्ता खिंचता रहा।रोहन झुठलाता रहा।और रीमा को उनकी इंटेस फीलिंग का पता चलता रहा।इसी बीच भावनात्मक उथलपुथल में रीमा ने अपनी एक फ्रेंड से अपने टूटे दिल का हाल बताया।सुधरा तो कुछ नहीं उलटा रोहन और रीमा के बीच के रिश्ते में बचीखुची उम्मीद भी टूट गयी।वो फ्रेंड भी रोहन के बहुत क़रीब थी।उसे रीमा का रोहन के नज़दीक जाने का पता चलना आखिरी कील साबित हुआ।दर्द से कराहती रीमा ने रिश्ता बचाने की बहुत कोशिश की, ये जानते हुए भी कि वो किसी और को डेट भी कर रहा है और अब ये।रिश्ते उलझ गये आपस में। एक जुनूनी प्रतियोगिता चलने लगी सबमें रोहन को अपनी ओर खींचने में।ओछे झूठे इल्ज़ाम।रोहन पर इन बातों का गहरा असर देखकर, आखिरकार रीमा ने रोहन को ख़ुद से मुक्ति देने का फैसला कर लिया।और जीवन लीला समाप्त कर ली अपनी।अब वो सब देख सकती थी।अब कोई वहम उसका रस्ता नहीं रोक सकता था।उसने देखा कि रोहन सच में मुक्ति पाना चाहता था...पर उन सबसे। रीमा से नहीं।
