मंजिल पाने का जुनून

मंजिल पाने का जुनून

1 min
663


मेरे महाविद्यालय की सहपाठी दिपिका है।

वो पहले वनस्थली विधापीठ मे पढती थी। पढाई मे भी अच्छी थी। उसकी सहपाठी उससे हमेशा ईष्या रखती थी।

उन्होंने उसके साथ कुछ किया

जिससे वह दो वर्ष तक बिमार रही।

लेकिन वह पढकर अपने सपने साकार करना चाहती थी।

इसलिए उसने फिर से पढाई शुरू की...।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama